कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का अनूठा अंदाज, गांव की चौपाल में जमीन पर बैठीं, बोलीं- मैं आपकी बेटी और बहू, आपके लिए मंत्री नहीं
कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का अनूठा अंदाज, जमीन पर बैठकर ग्रामीणों की सुनी बात
CG News: छत्तीसगढ़ शासन की कैबिनेट मंत्री और भटगांव से विधायक लक्ष्मी राजवाड़े (Laxmi Rajwade) ने रविवार को सूरजपुर जिले के ग्रामीण अंचलों का भ्रमण किया. ‘गांव-बस्ती चलो अभियान’ के तहत उन्होंने ग्राम रैसरा, खड़ौली, जांज, रैसरी और चेंद्रा जैसे दूरस्थ पंचायतों में पहुंचकर ग्रामीणजनों के साथ संवाद किया. भीषण गर्मी में भी जमीन पर बैठकर मंत्री राजवाड़े ने जनचौपाल के माध्यम से ग्रामीणों की पीड़ा को सुना और संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए. कहीं चबूतरे पर, तो कहीं स्कूल मैदान में, हर जगह उनकी उपस्थिति ने जनता को भरोसे और राहत का अहसास कराया है.
सड़क निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा
रैसरा पंचायत से शुरू हुई इस जन संवाद यात्रा में खड़ौली के माध्यमिक शाला परिसर और जांज के स्कूल मैदान में उन्होंने लोगों की समस्या सुनी. पेयजल आपूर्ति की अनियमितता, खराब सड़कों, राजस्व प्रकरणों में विलंब जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं. मंत्री ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जाए. उन्होंने खड़ौली मार्ग के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा करते हुए इसे जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही.
‘गांव तक वित्तीय सुविधा उपलब्ध हो’
रैसरी पंचायत के बगीचा पारा में आयोजित चौपाल में ग्रामीणों ने सहकारी बैंक शाखा खोलने की मांग की. ग्रामीणों का कहना था कि बैंकिंग सेवाओं के लिए उन्हें बिश्रामपुर तक जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है. मंत्री राजवाड़े ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को अध्ययन कर आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को वित्तीय सेवा उनके गांव में उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
ये भी पढ़ें: Mandla: आदि उत्सव में शामिल हुए CM विष्णु देव साय, बोले- 10 साल से हो रहा आयोजन, जताई खुशी
‘जनसंपर्क शैली ने लोगों का दिल जीता’
कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की जनसंपर्क शैली ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया है. ना कोई मंच, ना औपचारिकता. सीधे जमीन पर बैठकर लोगों की बात सुनी और संवेदनशीलता से समाधान का मार्ग खोला. उनके साथ पहुंचे अधिकारियों ने मौके पर ही कई शिकायतों का निराकरण करना शुरू कर दिया.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मैं यहां विधायक या मंत्री बनकर नहीं, आपकी बेटी, बहन और प्रतिनिधि बनकर आई हूं. आपकी हर समस्या मेरी जिम्मेदारी है. वर्षों से उपेक्षित महसूस कर रहे लोगों को जब मंत्री स्वयं उनकी बस्ती में आकर सुनने लगीं, तो उन्होंने खुलकर अपने दुख-दर्द साझा किया.