डिजिटल हब बनेगा Chhattisgarh! रायपुर में प्रमुख AI डेटा सेंटर के लिए ESDS इन्वेस्ट करेगी 600 करोड़
रायपुर में होगा देश का प्रमुख AI डेटा सेंटर
Raipur: छत्तीसगढ़ अब जल्द ही भारत में ‘डिजिटल हब’ के रूप में उभरने वाला है. रायपुर में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए ESDS सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की योजना बनाई है. कंपनी ने यह प्रस्ताव CM विष्णुदेव साय के सामने रखा.
CM साय के सामने रखा प्रस्ताव
नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में ESDS के चेयरमैन पीयूष सोमानी और उपाध्यक्ष लोकेश शर्मा ने CM विष्णु देव साय के साथ एक बैठक की. इस मीटिंग में उन्होंने बताया कि यह डेटा सेंटर न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के डिजिटल विकास को गति देगा. यह परियोजना छत्तीसगढ़ को AI, क्लाउड टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल स्टोरेज के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगी.
‘मील का पत्थर साबित होगा’
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा- ‘यह निवेश डिजिटल इंडिया के सपने को छत्तीसगढ़ में साकार करने में मील का पत्थर साबित होगा. सरकार इस परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए हर संभव सहयोग देगी.’
प्रदेश में होगा रोजगार का सृजन
ESDS की यह पहल छत्तीसगढ़ को तकनीकी केंद्र बनाने के साथ-साथ युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार के अवसर भी लाएगी. यह डेटा सेंटर राज्य के IT ढांचे को मजबूत करेगा और डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम होगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और छत्तीसगढ़ के निवेश आयुक्त ऋतु सेन भी मौजूद थीं.
छत्तीसगढ़ में AI डेटा सेंटर पार्क
हाल में CM विष्णु देव साय ने 3 मई को नया रायपुर में छत्तीसगढ़ के पहले AI डेटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन किया है. नया रापुयर के सेक्टर-22 में 13.5 एकड़ क्षेत्र में AI सेंटर पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें 2.7 हेक्टेयर हिस्सा विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के रूप में विकसित होगा. रैक बैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित यह परियोजना पूरी तरह AI सेवाओं को समर्पित होगी.
जानें क्या है AI डाटा पार्क की खासियत
- नवा रायपुर के सेक्टर 22 में किया जा रहा स्थापित
- पहले चरण में विकसित होगा 80 मेगावॉट क्षमता का पार्क
- केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मानकों का होगा पालन
- सौर ऊर्जा पर आधारित होगा पहला चरण
- 160 मेगावाट तक विस्तार की जा सकेगी क्षमता
- करीब 1000 करोड़ रुपये का होगा निवेश
- 500 से अधिक लोगों कों मिलेगा रोजगार
- औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत एंकर यूनिट के रूप में होगी विकसित
- IT, ITIS और डेटा सेवाओं से जुड़े नए इको-सिस्टम होंगे विकासित
छत्तीसगढ़ के लिए क्या बदलेगा?
- रोजगार की नई राहें- यह डाटा सेंटर पार्क आईटी, डाटा एनालिटिक्स, और तकनीकी रखरखाव जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा करेगा. छत्तीसगढ़ के युवा अब दिल्ली-मुंबई जाए बिना अपने घर पर ही तकनीकी करियर बना सकेंगे.
- किसानों की मदद- AI तकनीक से किसानों को स्मार्ट खेती, मौसम की सटीक जानकारी, और फसल प्रबंधन में मदद मिलेगी. इससे उनकी मेहनत का ज्यादा फल मिलेगा.
- आदिवासियों को डिजिटल ताकत- दूरदराज के आदिवासी इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सरकारी सेवाएं डिजिटल रूप से आसानी से पहुंचेंगी.
- आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़- यह पार्क राष्ट्रीय और वैश्विक डाटा ट्रैफिक को संभालेगा, जिससे सरकारी सेवाएं तेज होंगी और राज्य डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर बनेगा.