‘नाम तक नहीं लिख सकते थे, रेलवे में नौकरी दे दी,’ लैंड फॉर जॉब मामले में CBI ने लालू के खिलाफ चार्जशीट में किया दावा
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Land For Job: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने की अदालत में लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान CBI ने बताया कि जो लोग अपना नाम तक नहीं लिख सकते थे उन्हें रेलवे में ग्रुप D में नौकरी दे दी गई. CBI की तरफ से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में बताया, सिग्नेचर, सर्टिफिकेट, ट्रांसफर मार्कशीट सभी जाली थे. जिन्हें नौकरी दी गई वे 8वीं पास भी नहीं थे. वो अपना नाम भी नहीं लिख सकते थे.’
‘एक लाख से ज्यादा वर्गफीट जमीन केवल 26 लाख में मिली‘
CBI की तरफ से दी गई चार्जशीट में बताया गया कि नौकरी के बदले में लालू यादव और उनके रिश्तेदारों को काफी कम कीमत पर कैंडिडेट्स ने जमीन दे दी थी. लालू और उनके परिवार को एक लाख से ज्यादा वर्गफीट की जमीन सिर्फ 26 लाख रुपये में मिल गई थी. जबकि उस वक्त के सर्किल रेट से भी जमीन ली जाती तो उसकी कीमत लगभग 4 करोड़ 40 लाख रुपये होती.
मामले में 102 लोगों को आरोपी बनाया गया है. फिलहाल आरोप तय करने को लेकर कोर्ट में बहस की प्रक्रिया चल रही है.
लैंड फॉर जॉब मामले में CBI ने मामला दर्ज किया था
लैंड फॉर जॉब घोटाले का मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए हुआ था. उस दौरान जमीन के बदले नौकरियां दी गई थीं. मामले में CBI ने केस दर्ज किया था. CBI का आरोप है कि साल 2004 से 2009 के दौरान रेलवे में ग्रुप डी की भर्तियों के लिए लालू यादव ने अपने परिवार के लोगों की जमीन के बदले नौकरी दिलवाई थी, जिसमें उन्होंने आर्थिक लाभ लिया था. जमीनों का ट्रांसफर लालू यादव की पत्नी और उनकी दोनों बेटियों के नाम पर किया गया था.
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