Sharmistha Panoli को कोलकाता हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत, देश छोड़ने पर रोक
शर्मिष्ठा पनोली को मिली अंतरिम जमानत
Sharmistha Panoli: कोलकाता हाई कोर्ट ने गुरुवार, 5 जून को 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली (Sharmistha Panoli) को कथित सांप्रदायिक टिप्पणियों वाले वीडियो पोस्ट करने के मामले में अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस राजा बसु की पीठ ने शर्मिष्ठा को 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया. जस्टिस राजा बसु ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सशर्त अंतरिम जमानत को मंजूरी दे दी.
इन शर्तों पर मिली जमानत
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शर्मिष्ठा को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें जांच में सहयोग करना होगा. अदालत ने कहा कि शर्मिष्ठा बिना मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकतीं. अदालत ने ये भी कहा कि उन्हें 10 हजार रुपये के जमानत राशि जमा करनी होगी.
#WATCH कोलकाता, पश्चिम बंगाल: शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिली |
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2025
शर्मिष्ठा पनोली के वकील DP सिंह ने कहा, "उन्हें तीन शर्तों पर जमानत मिली है, कि वह अपना पासपोर्ट देंगी, वह जांच में शामिल होंगी और जमानत बांड पर हस्ताक्षर करेंगी…उन्होंने जो कुछ भी… pic.twitter.com/KnnV9957pk
‘वह परिस्थितियों की शिकार हैं’-शर्मिष्ठा के वकील
शर्मिष्ठा पनोली के वकील DP सिंह ने कहा- ‘उन्हें तीन शर्तों पर जमानत मिली है, कि वह अपना पासपोर्ट देंगी, वह जांच में शामिल होंगी और जमानत बांड पर हस्ताक्षर करेंगी. उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह उन्होंने देखे गए वीडियो के आधार पर कहा. इन बच्चों को ज्यादा कुछ नहीं पता. भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई है और वे सिर्फ अपने देश की रक्षा कर रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में अगर वे 5-10 सेकंड का कोई वीडियो पोस्ट करते हैं, तो क्या यह गलत है? वह परिस्थितियों की शिकार हैं. पूरा समुदाय उनके खिलाफ खड़ा हो गया है. ऐसा नहीं है कि उनके कहने की वजह से कोई दंगा हुआ, तो उन्हें सजा क्यों दी जा रही है?’
क्या है पूरा मामला ?
शर्मिष्ठा को 30 मई 2025 को गुरुग्राम से कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड की चुप्पी को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां और अपमानजनक भाषा थी. 15 मई 2024 को गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में वजाहत खान नामक व्यक्ति की शिकायत पर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. शर्मिष्ठा ने वीडियो हटाकर 15 मई को सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी, लेकिन फिर भी उनकी गिरफ्तारी हुई.
शर्मिष्ठा के समर्थन में उठी आवाज
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया. बीजेपी नेताओं, जैसे अमित मालवीय, सुवेंदु अधिकारी, और अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनकी गिरफ्तारी को ‘वोट बैंक की राजनीति’ करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने भी शर्मिष्ठा के समर्थन में आवाज उठाई, इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने भी उनकी रिहाई और निष्पक्ष सुनवाई की मांग की थी.