IIM में लगी मंत्रियों की क्लास, गुड गवर्नेंस की मिलेगी ट्रेनिंग, कांग्रेस बोली- ये चिंतन शिविर नहीं है, पर्यटन है

CG News: छत्तीसगढ़ की साय सरकार राज्य में गुड गवर्नेंस के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है. यही वजह है कि प्रशासनिक कामकाज में मजबूती, पारदर्शिता, जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने पूरी सरकार समय समय पर चिंतन भी कर रही है.
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चिंतन शिविर 2.0

CG News: छत्तीसगढ़ की साय सरकार राज्य में गुड गवर्नेंस के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है. यही वजह है कि प्रशासनिक कामकाज में मजबूती, पारदर्शिता, जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने पूरी सरकार समय समय पर चिंतन भी कर रही है. आज से नवा रायपुर IIM में साय सरकार का चिंतन शिविर 2.0 शुरू हो गया है.दो दिनों तक अलग अलग सत्रों में देश के जाने माने एक्सपर्ट्स गुड गवर्नेंस के गुण सिखाएंगे.

IIM रायपुर में लगी मंत्रियों की क्लास

आज से साय सरकार के चिंतन शिविर 2.0 का शुभारंभ हुआ है. इसमें सीएम और मंत्री भी शामिल हुए है. आज पहले दिन अलग-अलग सत्रों में व्याख्यान हुआ. पहले सत्र में परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन ,संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण, सक्षमता से सततता तक:विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. शिविर में मंत्रियों ने डेढ़ साल के कार्यकाल के अनुभव भी शेयर किए.

मंत्रियों को मिलेगी गुड गवर्नेंस की मिलेगी ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 आज आईआईएम रायपुर में प्रारंभ हो गया है.छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर (आईआईएम) के सहयोग से दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया है. दो दिवसीय शिविर के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय डायरेक्टर आईआईएम इंदौर, डॉ. रविंद्र ढोलकिया आईआईएम अहमदाबाद, संजीव सान्याल प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य, पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उदय माहुरकर, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों को संबोधित किया.

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ये चिंतन शिविर नहीं है, पर्यटन है – दीपक बैज

साय सरकार के चिंतन शिविर 2.0 पर पीसीसी चीफ दीपक बैज की प्रतिक्रिया सामने आई है.उन्होंने कहा कि साय सरकार के मंत्रियों की पाठशाला लगनी भी चाहिए. इनसे सरकार नहीं संभाल रही है, जनता के लिए ये कुछ नहीं कर पा रहे है.प्रदेश हालकान है, सरकार सिर्फ लूट मचा रही है.तो चिंतन मंथन होना चाहिए पर ये चिंतन शिविर नहीं है, ये पर्यटन है.

विपक्ष सरकार के चिंतन पर तंज कंस रहा है.मगर सरकार इस तरह के शिविरों से राज्य में गुड गवर्नेंस स्थापित करने का दावा कर रही है.इसके पहले चिंतन शिविर 1.0 में भी मंत्रियों को अपने विभागों में कामकाज में कसावट लाने और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के टिप्स दिए गए थे.अब देखना होगा चिंतन शिविर 2.0 से का कितना लाभ जनता को मिल पाता है और
ग्राउंड पर होने वाले कार्यों में किस तरह का परिवर्तन आ पाता है.

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