शादी से पहले मिलती कुंडली तो बच जाती राजा की जान? पंडित बोले- पहले दिन से ही विनाशकारी था ये रिश्ता
सोनम की कुंडली में 'जेल योग'
Ujjain News: इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की कुंडली अगर पहले मिलती तो शायद राजा की जान बच सकती थी. राजा रघुवंशी मर्डर केस में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर के ज्योतिष राकेश शर्मा ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि सोनम की कुंडली में जेल योग लिखा हुआ है. अगर शुरू में उनके पास राजा और सोनम की पत्रिका आती तो वह शादी के लिए स्पष्ट मना कर देते.
राजा-सोनम की कुंडली
मेघालय की राजधानी शिलांग में इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की रहस्यमयी हत्या को लेकर अभी भी कई सवाल अनसुलझे हैं. पुलिस की जांच के साथ-साथ इस मामले में ज्योतिष दृष्टिकोण से भी कारण तलाशने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में उज्जैन के प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शर्मा ने राजा और सोनम की कुंडलियों का गहन विश्लेषण किया.
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शर्मा ने बताया कि राजा और सोनम दोनों की कुंडली में जीवनसाथी के भाव यानी सप्तम भाव में मंगल का योग है, लेकिन दोनों की स्थिति में बहुत बड़ा अंतर है.
राजा की कुंडली- सशक्त मंगल, गुरु का साथ
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शर्मा ने बताया कि राजा की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल स्वराशि का है और गुरु के साथ विराजमान है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह योग विवाह के बाद सुखद जीवन और समर्पित जीवनसाथी का संकेत देता है. पंडित शर्मा ने कहा कि यदि यह विवाह संस्कारपूर्वक और विधिपूर्वक हुआ होता तो राजा का वैवाहिक जीवन संतुलित और सफल हो सकता था.
सोनम की कुंडली-नीच का मंगल, गलत संगत का संकेत
दूसरी ओर सोनम की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल नीच राशि में बैठा हुआ है. यह योग न केवल वैवाहिक जीवन में तनाव, संघर्ष और विश्वासघात का संकेत देता है बल्कि चरित्र की अस्थिरता और नकारात्मक संगति का भी इशारा करता है.
पंडित शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा- ‘संस्कारों के अभाव में व्यक्ति गलत दिशा में चला जाता है, यह मैं नहीं कह रहा, यह सोनम की कुंडली कह रही है.’
षड्यंत्र और हत्या- कुंडली में पहले से संकेत
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शर्मा ने कहा- राजा की हत्या जिस तरह से षड्यंत्रपूर्वक हुई, उसमें सोनम की भूमिका और उसका साथियों के साथ मिलकर किया गया कथित प्लान, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उसकी कुंडली में साफ दिखाई देता है. पंडित शर्मा के अनुसार, ‘जब सप्तम भाव में मंगल नीच का होता है, तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवनसाथी को धोखा दे सकता है, यहां तक कि उसकी हानि का कारण भी बन सकता है.’
मंगल दोष का निवारण, लेकिन सोनम की कुंडली में असर नहीं
मंगल दोष को शास्त्रों में गंभीर माना गया है लेकिन इसका निवारण मंगल ग्रह के जाप, व्रत और पूजन से संभव है. हालांकि, सोनम की कुंडली में जो ग्रहयोग दिखाई दे रहे हैं, उनमें ज्योतिषीय उपायों का विशेष प्रभाव नहीं दिखता.
क्या शादी से पहले मिलाई गई थी कुंडली?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या शादी से पहले राजा और सोनम की कुंडली का विधिवत मिलान किया गया था? अगर हां, तो किन कारणों से इस विवाह के लिए सहमति दी गई, जबकि ग्रह दोष स्पष्ट थे? और अगर नहीं किया गया, तो यह लापरवाही केवल राजा के जीवन पर भारी नहीं पड़ी बल्कि परिवार के लिए भी एक गहरा आघात बन गई.
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पंडित शर्मा ने अंत में यह भी कहा कि आधुनिकता के दौर में लोग ज्योतिष को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब अनिष्ट होता है तब लोग कारण तलाशने लगते हैं. अगर समय रहते उचित ज्योतिषीय परामर्श लिया गया होता तो शायद इस घटना से बचा जा सकता था.