‘आमार सोनार बांग्ला’ के रचयिता रबींद्रनाथ टैगोर की विरासत पर हमला, दंगाइयों ने तोड़ दिया घर, बांग्लादेश में बढ़ा तनाव

Bangladesh: बांग्लादेश में रबीन्द्रनाथ टैगोर के पुराने घर को दंगाइयों ने तोड़ डाला है.
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बांग्लादेश में तोड़ डाला रबींद्रनाथ टैगोर का घर

Bangladesh: बांग्लादेश के सिराजगंज जिले के शाहजादपुर में स्थित नोबेल पुरस्कार विजेता रबीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास, कचहरी हाउस, में बुधवार, 10 जून को एक भीड़ ने तोड़फोड़ की. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ने ऐतिहासिक इमारत की खिड़कियां, फर्नीचर और अन्य संपत्ति को नष्ट कर दिया. यह घटना एक आगंतुक और संग्रहालय कर्मचारी के बीच पार्किंग शुल्क को लेकर हुई कहासुनी के बाद भड़की.

ऐसे भड़की हिंसा

8 जून को एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ सिराजगंज के कचहरीबाड़ी में स्थित रबीन्द्रनाथ टैगोर म्यूजियम में घुमने आया था. इस जगह को रबींद्र कचहरीबाड़ी भी कहा जाता है. यहां इस शख्स की मोटरसाइकिल पार्किंग फीस को लेकर इस जगह की देखरेख कर रहे लोगों के साथ बहस हो गई. इसके बाद इस शख्स को कथित एक शख्स में बंद कर दिया गया और इसके साथ मारपीट की गई. इस घटना से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने मंगलवार, 10 जून को मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया. बाद में भीड़ ने कचहरीबाड़ी के सभागार पर हमला कर दिया और यहां तोड़फोड़ की और संस्था के निदेशक की पिटाई कर दी.

जांच के लिए समिति गठन

इस हमले की जांच के लिए बांग्लादेश प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. घटना के बाद कचहरी हाउस को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया है.

टैगोर का बांग्लादेश से संबंध

रबीन्द्रनाथ टैगोर ने बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की रचना 1905 में की थी, जो बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था. टैगोर परिवार की सिराजगंज के कचहरीबाड़ी में जमींदारी थी, जहां रबीन्द्रनाथ ने 1890 के दशक में अपने पिता की जमींदारी का प्रबंधन किया और साहित्यिक रचनाएं कीं.

रबीन्द्रनाथ टैगोर का ये वही घर है जहां पर उन्होंने कई विश्व प्रसिद्ध रचनाएं को लिखा था. बंगलदेश को उसका राष्ट्र गान देने वाले उसे देश के दंगाइयों ने अब उनके घर को तोड़ डाला है. बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ ने हमला किया और तोड़फोड़ की.

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पांच दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश

कचहरीबाड़ी के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने बताया कि प्राधिकरण ने ‘अपरिहार्य परिस्थितियों’ के कारण कचहरीबाड़ी में आगंतुकों के प्रवेश को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. इस वक्त कचहरीबाड़ी की पूरी स्थिति विभाग की निगरानी में है और समिति को अगले पांच कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

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