दो दिवसीय दौरे पर Chhattisgarh पहुंचे अमित शाह, अबूझमाड़ में ग्रामीणों और जवानों से मिलेंगे, साथ करेंगे लंच
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
Chhattisgarh: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 22 जून को दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर आ गए हैं. इस दौरे के दौरान वह सुरक्षा और वैज्ञानिक आधारभूत ढांचे को मजबूती देने वाले कई अहम कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इसके अलावा नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों से मिलेंगे और उनके साथ लंच करेंगे. वह अबूझमाड़ में ग्रामीणों से भी मिलेंगे. अपने दौरे के शुरुआत में वह नवा रायपुर के सेक्टर-2 में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और देश की सबसे हाईटेक फॉरेंसिक लैब की आधारशिला रखेंगे. यह विश्वविद्यालय भारत सरकार द्वारा गुजरात में संचालित किया जाता है, जो फॉरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान और फॉरेंसिक मनोविज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है. इससे छत्तीसगढ़ को साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन के क्षेत्र में एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है.
नक्सल ऑपरेशन की रणनीति को लेकर अहम बैठक
इसके बाद अमित शाह नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्यों के DGP और ADGP के साथ नक्सल ऑपरेशन की रणनीति को लेकर महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल होंग. राज्य सरकार की नई रणनीतियों के साथ-साथ ‘सरेंडर और पुनर्वास नीति’ पर भी चर्चा होगी, जिसकी सराहना हाल ही में दिल्ली में हुई शाह-साय मुलाकात में की गई थी.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों से संवाद
रविवार शाम को अमित शाह रायपुर में ही रात्रि विश्राम करेंगे और अगले दिन यानी 23 जून को वह बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे. यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है. वहां वह BSF के जवानों के साथ बैठक करेंगे. उनके साथ लंच करेंगे और ऑपरेशन के फील्ड अनुभवों को जानेंगे. यह दौरा जवानों के मनोबल को बढ़ाने और जमीनी फीडबैक लेने की दृष्टि से अहम माना जा रहा है.
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क्यों अहम है अमित शाह का यह दौरा?
अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने की समयसीमा घोषित की है. भाजपा सरकार के गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में अब तक 427 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, और पिछले तीन महीनों में 350 से अधिक मुठभेड़ दर्ज हुई हैं. अप्रैल महीने में अमित शाह बस्तर पंडुम के समापन समारोह में भी शामिल हुए थे. यहां उन्होंने ऑपरेशन की समीक्षा की थी. उस समय भी उन्होंने स्पष्ट किया था कि केंद्र और राज्य की संयुक्त रणनीति से अब नक्सल समस्या अंतिम चरण में है.