Sarguja: सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट का खर्च उठाएगी सरकार, सरगुजा के DM ने लिया बड़ा फैसला
सरगुजा: सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट का खर्च उठाएगी सरकार, DM ने लिया बड़ा फैसला
Sarguja News: आदिवासी बहुल सरगुजा जिले के मेधावी अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए एक नई उम्मीद जगी है. अब सैनिक स्कूल में पढ़ने का सपना देखने वाले अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्राओं को आर्थिक तंगी उनके सपनों की उड़ान में बाधा नहीं बनेगी. जिला प्रशासन द्वारा मेधावी विद्यार्थियों के सहयोग के लिए महत्वपूर्ण पहल की है.
DMF की राशि से वहन होगी राशि
सरगुजा के कलेक्टर विलास भोसकर ने बताया कि सरगुजा जिले के अनुसूचित जनजाति वर्ग के मेधावी बच्चों का सैनिक स्कूल में चयन होने पर उनकी शिक्षण शुल्क का व्यय जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) मद से जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य आदिवासी बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सैनिक स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययन का अवसर प्रदान करना है.
कलेक्टर भोसकर ने कहा कि सरगुजा जिला प्रशासन आदिवासी बच्चों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर प्रतिबद्ध है और यह कदम उनकी आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यह पहल बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएगी और समाज में शिक्षा की अलख को और मजबूती देगी.
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कौन है विलास भोसकर?
सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उन्होंने इससे पहले भी सरगुजा जिले में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं. बच्चों के लिए उन्होंने बेहतरीन कोचिंग की व्यवस्था की है. वही सबसे बड़ी बात है कि कलेक्टर भोसकर जब भी ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर निकलते हैं तब अपनी गाड़ी पर बच्चों के लिए स्टेशनरी का समान जैसे कॉपी आदि रखते हैं. इसके अलावा स्कूलों में बनने वाले मध्यान्ह भोजन के लिए अपनी ही कार पर हरी सब्जियां लेकर पहुंचते हैं.
विलास भोसकर ने अपने बचपन में आर्थिक तंगी को करीब से देखा है, वे ज़ब पहली बार कालेज में पढ़ने के लिए दाखिला लिए तब उन्होंने पहली बार चप्पल पहनी थी. यही वजह है कि वे अपनी गाड़ी में दौरा के समय बच्चों और बडो के लिए चप्पल रखते हैं.