नए BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में हो सकती है देरी, पार्टी और RSS में फंसा पेंच, कई राज्यों में होगा नेतृत्व परिवर्तन
बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बढ़ी गहमागहमी
BJP National President: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी आलाकमान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं. मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है और उनकी जगह नए नेतृत्व के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच, अंदर खाने से खबर सामने आ रही है कि कई राज्यों में प्रदेश नेतृत्व में बदलाव करने की तैयारी चल रही है, जो आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
BJP-RSS के बीच मतभेद
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर अंदर खाने से खबर आ रही है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में BJP को पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद RSS ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की मांग की है. RSS का मानना है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जो जमीनी स्तर की राजनीति से जुड़ा हो और संगठन को मजबूत कर सके. दूसरी ओर, BJP का शीर्ष नेतृत्व (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह) एक ऐसे नेता को चाहता है जो उनके साथ सहज समन्वय स्थापित कर सके. RSS के सूत्रों के मुताबिक, संगठन चाहता है कि नए अध्यक्ष का चयन उनकी सक्रिय सलाह के साथ हो, जो पिछले कुछ वर्षों में कम हुआ है.
जेपी नड्डा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि BJP अब ‘स्वयं सक्षम’ है और उसे RSS की वैसी निर्भरता नहीं रही जैसी पहले थी. इस बयान ने RSS के शीर्ष नेतृत्व को नाराज किया, जिसके बाद लोकसभा चुनावों में RSS कार्यकर्ताओं की उदासीनता देखी गई, खासकर महाराष्ट्र जैसे राज्यों में.
भाजपा के नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही सरकार में भी बदलाव होने हैं. 4 जुलाई से 6 जुलाई तक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक दिल्ली में है. इसमें सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले समेत सभी 6 सहसरकार्यवाह समेत संघ के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. इस चर्चा में नए पार्टी अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है . सूत्रोंं के मुताबिक, इस बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष को लेकर बीजेपी आलाकमान और संघ के नेताओं चर्चा हो सकती है.
राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन
BJP ने कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारियों की घोषणा कर दी है. इनमें महाराष्ट्र (किरण रिजिजू), उत्तराखंड (हर्ष मल्होत्रा), और पश्चिम बंगाल (रवि शंकर प्रसाद) शामिल हैं. पार्टी संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले 19 राज्यों में निर्वाचन प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है.
महाराष्ट्र: आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए BJP को सावधानीपूर्वक नेतृत्व चुनना होगा. पार्टी में खेमेबाजी को कम करने और एकजुटता लाने की चुनौती है.
पश्चिम बंगाल: 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले BJP को एक मजबूत और एकजुट नेतृत्व की जरूरत है ताकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला किया जा सके.
मध्य प्रदेश: जातिगत समीकरणों को साधने के लिए SC, ST, और OBC नेताओं पर विचार हो रहा है.
उत्तर प्रदेश: यहां नेतृत्व परिवर्तन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह BJP का सबसे बड़ा राजनीतिक आधार है. RSS ने हाल ही में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच मतभेदों को सुलझाने में हस्तक्षेप किया था.
उत्तराखंड: मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और नए नामों पर चर्चा चल रही है.
कुल मिलाकर, 15 जनवरी तक आधे से अधिक राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की उम्मीद है.
संभावित उम्मीदवार
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, और भूपेंद्र यादव शामिल हैं, जो RSS के साथ मजबूत संबंध रखते हैं और मोदी-शाह के भरोसेमंद भी माने जाते हैं. इसके अलावा, BJP एक दलित या OBC नेता को चुनने पर विचार कर रही है ताकि विपक्ष के दलित विरोधी नैरेटिव का मुकाबला किया जा सके. संभावित दलित उम्मीदवारों में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पार्टी महासचिव दुष्यंत गौतम, और उत्तर प्रदेश की मंत्री बेबी रानी मौर्य के नाम शामिल हैं.
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RSS की पसंद एक ऐसे नेता पर है जो हिंदुत्व की विचारधारा को मजबूत करे और संगठन के साथ गहरा जुड़ाव रखता हो. हालांकि, BJP नेतृत्व एक कम प्रोफाइल वाले नेता को प्राथमिकता दे सकता है जो शीर्ष नेतृत्व के दिशानिर्देशों को लागू कर सके.