बागपत की अनोखी कांवड़ यात्रा, बेटी के जीवनरक्षक डॉक्टर के सम्मान में हरिद्वार से ला रहे 31 लीटर गंगाजल

Uttar Pradesh: हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं, लेकिन बागपत के विशाल की कांवड़ इस बार अलग है. उनकी कांवड़ पर भगवान शिव की तस्वीर के बजाय उस डॉक्टर की तस्वीर है.
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डॉक्टर की फोटो लगाकर जल लाते बागपत के विशाल

Uttar Pradesh: बागपत जिले के बड़ौत निवासी विशाल भारद्वाज ने इस साल की कांवड़ यात्रा को एक अनोखे अंदाज में शुरू किया है. हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं, लेकिन विशाल की कांवड़ इस बार अलग है. उनकी कांवड़ पर भगवान शिव की तस्वीर के बजाय उस डॉक्टर की तस्वीर है, जिन्होंने उनकी बेटी की जान बचाई थी. विशाल हरिद्वार से 31 लीटर गंगाजल लेकर अपने गृहनगर बड़ौत लौट रहे हैं, ताकि वे इस जल से उस डॉक्टर का सम्मान कर सकें, जिन्हें वे अपनी बेटी का दूसरा जन्मदाता मानते हैं.

बेटी की जान बचाने की कहानी

विशाल भारद्वाज ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी बेटी गंभीर रूप से बीमार थी, और डॉक्टरों ने उसका इलाज असंभव बता दिया था. लेकिन एक डॉक्टर ने न केवल उनकी बेटी का इलाज किया, बल्कि उसे नया जीवन भी दिया. इस कृतज्ञता को व्यक्त करने के लिए विशाल ने फैसला किया कि वे इस साल की कांवड़ यात्रा उस डॉक्टर के नाम समर्पित करेंगे. विशाल का कहना है- ‘मेरी बेटी आज जीवित है, और यह उस डॉक्टर की वजह से है. मेरे लिए वे भगवान से कम नहीं.’

कांवड़ पर डॉक्टर की तस्वीर

विशाल की कांवड़ पर भगवान शिव की तस्वीर के बजाय उस डॉक्टर की तस्वीर सजाई गई है. यह अनोखा दृश्य हरिद्वार से बड़ौत तक लोगों का ध्यान खींच रहा है. विशाल ने अपनी कांवड़ को विशेष रूप से सजाया है, जिसमें 31 लीटर गंगाजल को विशेष कंटेनरों में रखा गया है. यह जल वे अपने शहर के मंदिर में ले जाएंगे और डॉक्टर के सम्मान में एक विशेष पूजा-अनुष्ठान करेंगे.

लोगों की प्रतिक्रिया और प्रेरणा

विशाल की इस अनोखी कांवड़ यात्रा ने स्थानीय लोगों और कांवड़ियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. कई लोग इसे एक प्रेरणादायक कदम मान रहे हैं, जो समाज में चिकित्सकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है. सोशल मीडिया पर भी विशाल की कहानी वायरल हो रही है, और लोग इसे मानवता और भक्ति का अनूठा संगम बता रहे हैं.

हरिद्वार से बड़ौत का सफर

विशाल ने हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगाजल लिया और अपनी कांवड़ यात्रा शुरू की. यह यात्रा पैदल तय की जा रही है, जिसमें वे बड़ौत तक का लंबा सफर तय करेंगे. इस दौरान उनके साथ कई अन्य कांवड़िए भी हैं, जो उनकी इस भावना से प्रभावित होकर उनका साथ दे रहे हैं. विशाल का कहना है कि यह यात्रा उनके लिए केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक संदेश देने वाली भी है.

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डॉक्टर का सम्मान

विशाल ने बताया कि वे इस गंगाजल से अपने शहर के मंदिर में एक विशेष पूजा करेंगे, जिसमें वे डॉक्टर को आमंत्रित करेंगे. इसके अलावा, वे भविष्य में एक छोटा सा स्वास्थ्य केंद्र खोलने की योजना बना रहे हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इलाज मिल सके. वे इस कार्य को उस डॉक्टर के नाम पर शुरू करना चाहते हैं, जिन्होंने उनकी बेटी को बचाया.

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