Parliament Monsoon Session: 8 नए बिलों के साथ सरकार की बड़ी तैयारी, जानें मानसून सत्र में कौन-कौन से विधेयक होंगे पेश
संसद सुरक्षा में सेंध
Monsoon Session 2025: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार 8 नए विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है. साथ ही 8 लंबित बिलों को पारित कराने का प्रयास करेगी. सत्र में आयकर विधेयक 2025 और नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार का विशेष जोर रहेगा. विपक्ष ने भी ऑपरेशन सिंदूर, बिहार मतदाता सूची संशोधन और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.
मानसून सत्र का अवलोकन
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी. स्वतंत्रता दिवस समारोह के कारण 13 और 14 अगस्त को अवकाश रहेगा. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सभी विधेयकों की तैयारी पूरी है और सरकार सुचारु रूप से सत्र चलाने के लिए प्रतिबद्ध है. सत्र से पहले 20 जुलाई को सर्वदलीय बैठक में एजेंडे पर चर्चा हुई.
सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले नए विधेयक
केंद्र सरकार इस सत्र में 8 नए विधेयकों को पेश करेगी…
- नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल: खेल संगठनों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए.
- नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल: डोपिंग रोकने के लिए नियमों को विश्व Anti-Doping Agency (WADA) मानकों के अनुरूप सख्त करना.
- मणिपुर जीएसटी (संशोधन) बिल: मणिपुर में वस्तु और सेवा कर से जुड़े विशेष प्रावधान.
- जन विश्वास (संशोधन) बिल: छोटे अपराधों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर प्रशासनिक जुर्माने में बदलना, ताकि नागरिकों और व्यापारियों का सरकार पर विश्वास बढ़े.
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) संशोधन बिल: IIM गुवाहाटी को कानूनी मान्यता और प्रशासनिक ढांचे में सुधार.
- कराधान कानून (संशोधन) बिल: आयकर और अन्य कर कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाना.
- भू-धरोहर स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) बिल: भारत की भूवैज्ञानिक धरोहरों की सुरक्षा.
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन बिल: खनिज संसाधनों के दोहन और प्रबंधन को आसान बनाना, निवेश को प्रोत्साहन.
लंबित विधेयकों पर जोर
सरकार 8 लंबित विधेयकों को भी पारित कराने का प्रयास करेगी, जिनमें शामिल हैं…
- आयकर विधेयक 2025: 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने के लिए, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद है. यह विधेयक कर नियमों को सरल बनाएगा और कर आकलन वर्ष की अवधारणा को हटाएगा. इसे संसदीय समिति ने 285 सुझावों के साथ स्वीकार किया है.
- भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025: बंदरगाह प्रबंधन और निष्पादन को बेहतर बनाने के लिए.
- मर्चेंट शिपिंग बिल: समुद्री व्यापार और शिपिंग नियमों को आधुनिक बनाना.
- गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्गठन बिल 2024: गोवा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करना.
विपक्ष की रणनीति
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में हैं. विपक्ष के प्रमुख मुद्दे…
- ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप का दावा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान सीजफायर में भूमिका के दावे पर सरकार से जवाब मांगना.
- बिहार मतदाता सूची संशोधन: पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगा.
- महिलाओं पर अत्याचार: मणिपुर, यूपी, और मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सरकार की जवाबदेही तय करना.
- जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा: केंद्र से ठोस कदमों की मांग.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन
सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी मांगेगी. यह शासन 13 फरवरी 2025 से लागू है, और इसकी समयसीमा 13 अगस्त को समाप्त हो रही है.
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सत्र में हंगामे के असार
विपक्ष के आक्रामक रुख और संवेदनशील मुद्दों के कारण सत्र में तीखी बहस और हंगामे की संभावना है. सरकार ने नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा की बात कही है, लेकिन विपक्ष की रणनीति सत्र को रोमांचक बना सकती है.