कांग्रेस हाई कमान के बाद अब केरल यूनिट ने भी Shashi Tharoor से बनाई दूरी, पार्टी से पहले देश को रखना सांसद को पड़ रहा भारी!
शशि थरूर से कांग्रेस की केरल यूनिट ने बनाई दूरी
Shashi Tharoor: केरल की कांग्रेस इकाई ने वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर से दूरी बना ली है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने केंद्र सरकार के निमंत्रण पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सरकार का समर्थन किया. थरूर ने कहा था कि देश को हमेशा पहले रखा जाना चाहिए और राजनीतिक दलों का उद्देश्य देश को बेहतर बनाना होना चाहिए. इस बयान को कांग्रेस हाईकमान और केरल इकाई ने पार्टी लाइन के खिलाफ माना है. अब इसी बयान के बाद थरूर को पार्टी में अलग-थलग कर दिया गया है.
केरल कांग्रेस का सख्त रुख
केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने 20 जुलाई को बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपना रुख नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा. मुरलीधरन ने यह भी कहा कि थरूर अब ‘हममें से एक’ नहीं माने जाते. यह बयान तब आया जब कांग्रेस और इंडिया गठबंधन आगामी मानसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कथित कमियों को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं.
पार्टी हाईकमान की असहजता
थरूर के बयानों से पहले भी कांग्रेस हाईकमान उनकी कुछ टिप्पणियों से असहज था. जून 2025 में, थरूर ने एक लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक मंच पर ऊर्जा और सक्रियता की तारीफ की थी, जिसे कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने उनकी निजी राय करार देते हुए पार्टी की आधिकारिक राय से अलग बताया. इसके अलावा, थरूर ने केरल की वामपंथी सरकार की नीतियों की तारीफ और तुर्की को दी गई 10 करोड़ रुपये की सहायता पर सवाल उठाकर भी विवाद खड़ा किया था.
केरल में थरूर की घटती स्वीकार्यता
थरूर, जो तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद हैं, उनको पहले भी केरल कांग्रेस के नेताओं से समर्थन की कमी का सामना करना पड़ा है. 2022 में, जब थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, तब केरल के नेताओं ने राहुल गांधी को प्राथमिकता दी थी. हाल ही में नीलांबुर उपचुनाव में भी थरूर को प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया, हालांकि कांग्रेस ने दावा किया कि उनकी आधिकारिक स्टार प्रचारक सूची में थरूर का नाम शामिल था.
यह भी पढ़ें: पार्टी-परिवार से बाहर तेज प्रताप विधानसभा में बैठेंगे तेजस्वी के साथ, मानसून सत्र में भाइयों के बीच कम होगी
केरल की सियासी तस्वीर
केरल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यूडीएफ के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एलडीएफ को हराने की रणनीति बना रही है. हालांकि, थरूर के बयानों और पार्टी से बढ़ती दूरी ने आलाकमान के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. दूसरी ओर, बीजेपी का वोट शेयर 2019 के 13% से बढ़कर 2024 में 16.68% हो गया है, जिससे त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बढ़ रही है. थरूर की लोकप्रियता और वैश्विक छवि के बावजूद, पार्टी के भीतर उनकी स्थिति अनिश्चित बनी हुई है.