BIS के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल हुए डिप्टी CM अरुण साव, कहा- तेजी से बदलती दुनिया में नए मानकों और नवाचारों की जानकारी जरूरी

Raipur: प्रदेश के डिप्टी CM अरुण साव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में नए मानकों और नवाचारों की जानकारी जरूरी है.
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डिप्टी CM अरुण साव

Raipur: छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) मंत्री अरुण साव ने आज भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम में हिस्सा लिया. रायपुर के नवीन विश्राम भवन में 21 और 22 जुलाई को आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से आए विशेषज्ञ पीएचई विभाग के अभियंताओं को जल प्रदाय योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री और कार्यों के नए मानकों की जानकारी दे रहे हैं. इस मौके पर अरुण साव ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में नए मानकों और नवाचारों की जानकारी जरूरी है.

नवाचार और मानकों से अपडेट रहने की जरूरत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में अभियंताओं के लिए नए मानकों और तकनीकी नवाचारों से अपडेट रहना जरूरी है. उन्होंने कहा- ‘एक इंजीनियर के रूप में सम-सामयिक तकनीकी जानकारी और मानकों का पालन कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है.’ उन्होंने बीआईएस को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह अभियंताओं की दक्षता और कार्यकुशलता को बढ़ाने में सहायक होगा.

जन कल्याण से जुड़ा है पीएचई का कार्य

डिप्टी CM अरुण साव ने जोर देकर कहा कि पीएचई विभाग का कार्य स्वच्छ पेयजल, जल शोधन और ग्रामीण-शहरी जल आपूर्ति तंत्र को मजबूत करने जैसे जन कल्याणकारी कार्यों से सीधे जुड़ा है. इन कार्यों की सफलता मानकों के पालन और तकनीकी ज्ञान के प्रभावी उपयोग पर निर्भर करती है. उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यक्रम अभियंताओं को उनके कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा.

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पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने कहा कि बीआईएस द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अभियंताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों से अवगत कराने के लिए है. उन्होंने अभियंताओं से अपील की कि वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को फील्ड में कार्यों के मापन और मूल्यांकन में लागू करें.

दो दिनों में इन विषयों पर होगी चर्चा

दो दिवसीय कार्यक्रम में बीआईएस विशेषज्ञ अभियंताओं को जल आपूर्ति, जल निकासी, स्वच्छता, पेयजल की गुणवत्ता, वर्षा जल संचयन, रोटेशनल मोल्डेड पॉलीएथिलीन सेप्टिक टैंक, ओवरहेड टैंक, सिविल संरचनाएं (धातु, सीमेंट, आरसीसी), पैकेज्ड जल उपचार संयंत्र, अपशिष्ट जल प्रबंधन, पाइप सामग्री (DI/CI/PVC/HDPE) और पंपिंग प्रणालियों में मानकीकरण जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी देंगे.

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बीआईएस के विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण

यह प्रशिक्षण पीएचई अभियंताओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बता दें कि प्रदेशभर से 120 से अधिक अभियंता, जिनमें मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.

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