Bihar News: बिहार में ‘डॉग बाबू’, ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ के बाद अब ‘एयरफोन’ के नाम पर निवास प्रमाण पत्र, पिता का नाम मोबाइल

Bihar News: ताजा मामला जो हास्य और हैरानी का नया रिकॉर्ड बना रहा है. बिहार में अब 'एयरफोन' के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आया है.
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बिहार में एक और फर्जी निवास प्रमाण पत्र

Bihar News: बिहार में प्रशासनिक लापरवाही और फर्जीवाड़े की कहानियां अब कोई नई बात नहीं, लेकिन हाल के कुछ मामले इतने अजीबो-गरीब हैं कि हंसी और हैरानी एक साथ छा जाती है. पहले ‘डॉग बाबू’, फिर ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ और अब ‘एयरफोन’ के नाम पर निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन! जी हां, आपने सही पढ़ा। बिहार के सरकारी सिस्टम में अब इंसान ही नहीं, बल्कि कुत्ते, ट्रैक्टर और यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी ‘निवासी’ बनने की होड़ में हैं.

‘एयरफोन’ की एंट्री: पिता ‘मोबाइल’!

ताजा मामला जो हास्य और हैरानी का नया रिकॉर्ड बना रहा है. बिहार में अब ‘एयरफोन’ के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आया है, जिसमें पिता का नाम दर्ज है- मोबाइल, मां का नाम- बैटरी. यह मामला इतना अजीब है कि लोग इसे सुनकर दंग हैं. इस फर्जी आवेदन ने एक बार फिर बिहार के डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम की पोल खोल दी है.

हालांकि, इस मामले में अभी विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि ऐसे आवेदनों ने RTPS (Right to Public Service) पोर्टल की सत्यापन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रशासन ने इस मामले में भी जांच के आदेश दिए हैं, और दोषियों के खिलाफ साइबर क्राइम और IT एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही जा रही है.

कुत्ते को मिला सरकारी ठप्पा!

सबसे पहले बात करते हैं ‘डॉग बाबू’ की, जिसने बिहार के प्रशासनिक सिस्टम को सोशल मीडिया पर मज़ाक का पात्र बना दिया. पटना के मसौढ़ी अंचल कार्यालय से एक कुत्ते के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ. प्रमाण पत्र में नाम था- डॉग बाबू, पिता का नाम- कुत्ता बाबू, माता का नाम- कुूतिया देवी, और पता- काउलीचक, वार्ड नंबर 15, मसौढ़ी. सबसे मज़ेदार बात? इस सर्टिफिकेट पर एक असली कुत्ते की तस्वीर चस्पा थी और यह डिजिटल हस्ताक्षर के साथ पूरी तरह ‘वैध’ था.

जब यह सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोग हंस-हंसकर लोटपोट हो गए. कोई कह रहा था- ‘अब डॉग बाबू को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा!’ तो किसी ने तंज कसा- ‘इंसानों को लाइन में लगना पड़ता है और कुत्ते को सर्टिफिकेट घर बैठे मिल गया!’ पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने मामले को गंभीरता से लिया और दोषी कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के साथ-साथ सर्टिफिकेट को तुरंत रद्द कर दिया. एक कर्मचारी को निलंबित और एक को बर्खास्त भी किया गया.

‘सोनालिका ट्रैक्टर’ की सवारी

‘डॉग बाबू’ की कहानी अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मोतिहारी से एक और कारनामा सामने आया. इस बार आवेदन आया सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से! जी हां, पूर्वी चंपारण के कोटवा अंचल कार्यालय में एक निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन जमा हुआ, जिसमें आवेदक का नाम था- सोनालिका ट्रैक्टर, पिता का नाम- स्वराज ट्रैक्टर, और माता का नाम- कार देवी. और तो और, आवेदन में तस्वीर लगाई गई थी भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा की.

यह आवेदन जैसे ही वायरल हुआ, प्रशासन में हड़कंप मच गया. मोतिहारी के डीएम सौरभ जोरवाल ने तुरंत आवेदन रद्द करवाया और आवेदक के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे बिहार सरकार की ‘गवर्नेंस फेल्योर’ का ताजा उदाहरण बताया. विपक्षी नेताओं ने भी इस मौके को लपक लिया और सरकार पर जमकर निशाना साधा.

सिस्टम की पोल खोलता फर्जीवाड़ा

इन घटनाओं ने बिहार के ऑनलाइन प्रमाण पत्र सिस्टम की निगरानी और सत्यापन प्रक्रिया की खामियों को उजागर कर दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि RTPS पोर्टल पर आवेदन के लिए OTP, दस्तावेज, और फोटो अपलोड करना अनिवार्य है, फिर भी ऐसे फर्जी आवेदन कैसे स्वीकार हो रहे हैं? क्या यह महज लापरवाही है, या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है?

FIR से लेकर निलंबन तक एक्शन

इन सभी मामलों में प्रशासन ने तेजी से कदम उठाए हैं. ‘डॉग बाबू’ मामले में पटना डीएम ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक कर्मचारी को निलंबित और एक को बर्खास्त किया. ‘सोनालिका ट्रैक्टर’ मामले में मोतिहारी डीएम ने आवेदन रद्द करवाया और FIR दर्ज करने के आदेश दिए. नवादा में ‘डॉग बाबू’ नाम से आए एक और फर्जी आवेदन के बाद स्थानीय थाने में FIR दर्ज की गई.

साथ ही, सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों की बारीकी से जांच की जाए. आवेदकों के IP एड्रेस ट्रेस करने और दोषियों पर IT एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात भी सामने आई है. लेकिन सवाल यह है कि क्या ये कार्रवाइयां सिस्टम की खामियों को दूर कर पाएंगी, या ये सिर्फ आग बुझाने की कोशिश भर हैं?

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सोशल मीडिया पर मजाक और तंज

इन घटनाओं ने सोशल मीडिया को मज़े का मौका दे दिया है. लोग कह रहे हैं- ‘बिहार में अब कुत्ते, ट्रैक्टर और एयरफोन भी वोट डालेंगे!’ कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने X पर तंज कसते हुए लिखा- ‘कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाण पत्र, कोई प्रमाण पत्र न दे पाए इंसान…यह है मेरा भारत महान.’

जो भी हो, ये मामले बिहार के डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं. निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का इस तरह मजाक बनना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि यह लोकतंत्र की प्रक्रिया को भी कमजोर करता है.

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