अनिल अंबानी पर कसा ED का शिकंजा, 17,000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में समन जारी

Anil Ambani: अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ रुपये के कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया है.
Anil Ambani

पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को समन जारी

Anil Ambani: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ रुपये के कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है. यह मामला रिलायंस ग्रुप की कंपनियों, विशेष रूप से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से जुड़ा है. जहां कथित तौर पर 10,000 करोड़ रुपये की राशि को गैर-घोषित संबंधित पक्षों (related parties) के माध्यम से डायवर्ट किया गया. ED ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को दिल्ली में अपने मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा है.

ED की कार्रवाई

ED ने पिछले सप्ताह मुंबई में रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 स्थानों पर 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के खिलाफ छापेमारी की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी.

जांच का आधार: जांच सेबी (SEBI) की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की राशि को एक गैर-घोषित संबंधित पक्ष, CLE, को डायवर्ट करने का आरोप है. सेबी ने पाया कि CLE के बैंक खातों के हस्ताक्षरकर्ताओं के पास रिलायंस ADA ग्रुप के डोमेन (@relianceada.com) से ईमेल थे और CLE के निदेशक और प्रमुख प्रबंधन कर्मी (KMP) रिलायंस ग्रुप से जुड़े थे.

यस बैंक कनेक्शन: ED इस बात की जांच कर रहा है कि क्या 2017-2019 के बीच यस बैंक से दी गई 3,000 करोड़ रुपये की लोन राशि को फर्जी कंपनियों और रिलायंस ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया. साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या यस बैंक के अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी.

सेबी की कार्रवाई: सेबी ने अनिल अंबानी और 24 अन्य इकाइयों पर 625 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया और उन्हें पांच साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया. यह कार्रवाई रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से फंड डायवर्जन के लिए की गई थी.

CBI की FIR: ED की जांच CBI द्वारा दर्ज दो FIR (RC2242022A0002 और RC2242022A0003) पर आधारित है, जो लोन डायवर्जन, रिश्वत और सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी के आरोपों से संबंधित हैं.

SBI और अन्य बैंक: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और अनिल अंबानी को RBI दिशानिर्देशों के तहत ‘फ्रॉड’ घोषित किया है. SBI का RCom में 2,227.64 करोड़ रुपये का फंड-बेस्ड लोन और 786.52 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का एक्सपोजर है. कैनरा बैंक ने भी RCom पर 1,050 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

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रिलायंस ग्रुप का जवाब

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए बयान में कहा कि ED की कार्रवाई का उनके कारोबार, वित्तीय प्रदर्शन, या शेयरधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अनिल अंबानी इन कंपनियों के बोर्ड में नहीं हैं, और RCom और RHFL का रिलायंस ग्रुप से कोई संबंध नहीं है.

वर्तमान स्थिति

अनिल अंबानी को 5 अगस्त को ED के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. जांच में कई अन्य वित्तीय अनियमितताएं, जैसे कि बैकडेटेड क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम, बिना उचित जांच के निवेश और बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन, सामने आई हैं.

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