Lok Sabha Election 2024: क्या उपचुनाव की हार का बदला लेंगे धर्मेंद्र यादव? फिर पुरानी चुनौती का सामना करेंगे अखिलेश यादव के भाई

Lok Sabha Election 2024: बदायूं से अखिलेश यादव ने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बदले में चाचा शिवपाल यादव को अपना उम्मीदवार बना दिया.
Dharmendra Yadav

सपा नेता धर्मेंद्र यादव (फोटो- सोशल मीडिया)

Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में अखिलेश यादव ने बदायूं पर पार्टी का उम्माीदवार बदलकर शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि बीते दिनों पार्टी जब पहली लिस्ट जारी हुई थी तो बदायूं से अखिलेश यादव ने धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन करीब एक सप्ताह में ही उन्होंने अपना फैसला बदल दिया.

दरअसल, सपा की जब पहली लिस्ट जारी हुई तो स्वामी प्रसाद मौर्य और अन्य नेताओं ने कोई बगावत के संकेत नहीं दिए थे. लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के तीनों प्रत्याशियों ने नामांकन किया तो उसके बाद स्थिति बदल गई. पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और फिर पल्लवी पटेल ने पार्टी के फैसले पर नाराजगी जताई. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा से अलग रास्त चुन लिया. बदली राजनीतिक स्थिति में अखिलेश यादव को अपने फैसले पर फिर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया.

आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे धर्मेंद्र यादव

इसके बाद उन्होंने बदायूं से चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बदले में चाचा शिवपाल यादव को अपना उम्मीदवार बना दिया. अब धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ सीट का प्रभारी बनाया गया है, जिसके बाद संभावना है कि सपा नेता अब उसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन इस सीट पर बीते उपचुनाव में उनकी हार हो चुकी है. तब ये सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. बीते लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव इस सीट पर चुनाव जीते थे. लेकिन विधायक बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया.

ये भी पढे़ं: Bharat Jodo Nyay Yatra: लेक्चर देने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाएंगे राहुल गांधी, तीसरी बार बीच में छोड़ी भारत जोड़ो न्याय यात्रा

इसके बाद उपचुनाव हुआ और बीजेपी के टिकट पर दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव लड़े. उन्होंने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव का हराकर ये चुनाव जीता. हालांकि अखिलेश यादव से पहले इस सीट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद थे. तब उन्होंने रमाकांत यादव को हराकर चुनाव जीता था. लेकिन बीते दो चुनावों में यहां बीजेपी ने दिनेश लाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. उपचुनाव में उन्होंने 8,679 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी.

ज़रूर पढ़ें