दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव में संजीव बालियान की हार, राजीव प्रताप रूडी की शानदार जीत

Constitution Club of India Election Result: दिल्ली के प्रतिष्ठित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव पद के चुनाव में बुधवार को बीजेपी नेता और सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने फिर से अपना दबदबा साबित कर दिया. रूडी ने अपनी ही पार्टी के प्रतिद्वंद्वी संजीव बालियान को शिकस्त दे दी.
Constitution Club of India Election Result

संजीव बालियान और राजीव प्रताप रूडी

Constitution Club of India Election Result: दिल्ली के प्रतिष्ठित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव पद के चुनाव में बुधवार को बीजेपी नेता और सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने फिर से अपना दबदबा साबित कर दिया. रूडी ने अपनी ही पार्टी के प्रतिद्वंद्वी संजीव बालियान को शिकस्त दे दी. रूडी की जीत इस लिहाज से भी खास हो जाती है, क्योंकि खुद बीजेपी के कद्दावर नेता उनके खिलाफ खुलकर मैदान में थे और बालियान को जीताने का आह्वान कर रहे थे. रुड़ी के खिलाफ जैसे ही बीजेपी के भीतर एक खेमा सक्रिय हुआ, वैसे ही विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन उनके साथ आ खड़ा हुआ.

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव में राजीव प्रताप रूडी की जीत

इस चुनाव ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह मुकाबला बीजेपी के भीतर ही था और पार्टी की आंतरिक रणनीति और गुटबाजी को उजागर करने के लिए काफी था. क्योंकि, संजीव बालियान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. बालियान को रुड़ी के खिलाफ बीजेपी का एक खेमा कितनी शिद्दत से लगा था, इसका खुलासा निशिकांत दुबे के चर्चित बयान से हो गया. कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बालियान को समर्थन देने पहुंचे दुबे ने खुले तौर पर मीडिया में कहा कि देश का प्रतिष्ठित क्लब जन-नेताओं का नहीं, बल्कि शीर्ष अधिकारियों का अड्डा बन चुका है और इस पर एक ख़ेमे ने कब्जा जमा लिया है. साफ तौर पर उनका इशारा रूड़ी की तरफ था. क्योंकि, डेढ़ दशक से रूडी क्लब की सत्ता पर काबिज हैं.

संजीव बालियान को मिली हार

इस चुनाव में कुल 707 वोट पड़े, जिसमें से रूडी को भारी समर्थन मिला. पोस्टल बैलट में 38 में से सभी वोट रूडी के पक्ष में गए, जिसने उनकी जीत को तय कर दिया. संजीव बालियान, जो मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद हैं और जाट लॉबी के समर्थन के दावों के साथ मैदान में थे, इस कांटे के मुकाबले में पिछड़ गए. रूडी की जीत से बीजेपी के पुराने गार्ड की ताकत और उनके 25 साल के अनुभव की छाप एक बार फिर साफ हुई है.

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