Vistaar News|फोटो गैलरी|भारत का एक शहर ऐसा भी, जहां 15 नहीं 14 अगस्त की रात फहराया जाता है तिरंगा, जानें कारण
भारत का एक शहर ऐसा भी, जहां 15 नहीं 14 अगस्त की रात फहराया जाता है तिरंगा, जानें कारण
Independence Day 2025: भारत में ब्रिटिश शासन लगभग 200 सालों तक रहा. इस दौरान भारत के लोगों को गुलामी जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ा. 15 अगस्त 1947 का वह दिन रहा जब भारत और भारत के लोगों को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली. तब से हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. लेकिन भारत का एक शहर ऐसा भी है, जहां 15 नहीं 14 अगस्त की रात को तिरंगा फहराया जाता है. जानें कारण-
Written By रुचि तिवारी
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Last Updated: Aug 13, 2025 08:50 PM IST
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15 अगस्त 1947 को भारत देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था.
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तब से हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं.
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हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है जहां 15 अगस्त नहीं, 14 अगस्त की रात को ही तिरंगा झंडा फहराया जाता है
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बिहार के पूर्णिया में हर साल 14 अगस्त की रात को ही तिरंगा झंडा फहराया जाता है. यहां के लोग 14 अगस्त की रात से ही आजादी के जश्न में रंग जाते हैं.
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स्थानीय लोगों के मुताबिक स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने अपने साथियों के साथ 14 अगस्त 1947 की आधी रात 12:01 बजे तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया था. उन्होंने लोगों में मिठाइयां बांटकर स्वतंत्रता की खुशी साझा की थी.
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दअरसल, 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि 12:01 बजे, जब रेडियो पर भारत की आजादी की घोषणा हुई. उसी समय स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह ने अपने साथियों रामरतन साह और शमशुल हक के साथ मिलकर झंडा चौक पर तिरंगा फहराया था.
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जहां झंडा फहराया गया, उस जगह का नाम भी 'झंडा चौक' पड़ गया.
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रामेश्वर प्रसाद सिंह का परिवार आज भी इस परंपरा को बड़े प्यार और गर्व के साथ निभा रहा है.