Vistaar News|फोटो गैलरी|56 भोगों में से सिर्फ धनिया पंजीरी ही लड्डू गोपाल को है बेहद प्रिय, जानें श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि
56 भोगों में से सिर्फ धनिया पंजीरी ही लड्डू गोपाल को है बेहद प्रिय, जानें श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि
Janmashtami 2025: भादौ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस साल जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को देशभर में मनाया जाएगा. जानें श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि. इसके अलावा उन्हें 56 भोगों में से धनिया की पंजीरी सबसे ज्यादा प्रिय क्यों है.
Written By रुचि तिवारी
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Last Updated: Aug 15, 2025 04:31 PM IST
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हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भादौ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:50 से प्रारंभ होकर 16 अगस्त की रात 9:35 पर समाप्त होगी. ऐसे में जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी.
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भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था. इस साल श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:45 से 1:26 तक है.
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जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
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अब श्रीकृष्ण के बाल रूप- लड्डू गोपाल की विधि पूर्वक पूजा करें. उनका पालना सजाएं.
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प्रसन्न मन से श्रीहरि का कीर्तन करें. उन्हें उनके प्रिय भोग लगाएं. श्रीकृष्ण को 56 भोग में धनिया पंजीरी सबसे प्रिय मानी जाती है.
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मान्यता है कि मां यशोदा कान्हा को माखन मिश्री के साथ धनिया पंजीरी भी खिलाती थीं. यही कारण है कि वह उन्हें प्रिय है.
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कहा जाता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को धनिया पंजीरी को भोग चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
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धनिया पंजीरी के बिना जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का भोग अधूरा माना जाता है.