Sudarshan Reddy: कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी, जो उपराष्ट्रपति चुनाव में होंगे विपक्ष के उम्मीदवार? सीपी राधाकृष्णन से होगा मुकाबला

India Bloc Presidential Candidate: उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी सुदर्शन से होगा.
b sudarshan reddy

बी सुदर्शन रेड्डी

Who Is Sudarshan Reddy: उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में वोटिंग अब तय है, क्योंकि विपक्ष ने भी इस चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी सुदर्शन से होगा.

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐलान करते हुए कहा, “विपक्षी दल ने संयुक्त रूप से बी सुदर्शन रेड्डी को विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है.” विपक्ष के उम्मीदवार उतारने के ऐलान के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव की जंग दिलचस्प हो गई है. एनडीए ने पहले ही अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है और सदन में एनडीए के पास बहुमत भी है. ऐसे में देखना होगा कि विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारकर इस चुनाव में कितनी टक्कर देता है.

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डीएमके सांसद ने क्या कहा?

वहीं DMK सांसद तिरुचि शिवा ने विपक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर कहा, “सम्पूर्ण विपक्ष ने चर्चा के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम का चयन किया है. सभी राजनीतिक दलों ने सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद यह निर्णय लिया है.”

कौन हैं सुदर्शन रेड्डी?

बालकृष्ण सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में हुआ था. उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से 1971 में लॉ की पढ़ाई की. सिविल और संवैधानिक मामलों की प्रैक्टिस करने करने के बाद वे 1988 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में गवर्नमेंट प्लीडर नियुक्त किए गए और केंद्र सरकार के एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल बने. सुदर्शन रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं. साथ ही वे गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं.

कई बड़े पदों पर रह चुके हैं रेड्डी

सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज अपनी सेवाएं दे चुके सुदर्शन रेड्डी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. 1993 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज के तौर पर रेड्डी की नियुक्ति हुई.

सुदर्शन रेड्डी 2005 में गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए. इसके बाद 2007 में सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल जज के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई. सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके रेड्डी रिटायरमेंट के बाद 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बनाए गए. हालांकि, इस पद पर वे अधिक दिनों तक नहीं रहे और उन्होंने उसी साल निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया था.

दक्षिण की पार्टियों को साधने की विपक्ष की कोशिश

आंध्र प्रदेश से आने वाले रेड्डी के नाम के ऐलान के पीछे विपक्ष की खास रणनीति नजर आ रही है. एनडीए के उम्मीदवार की तरह ही ये दक्षिण भारतीय हैं. ऐसे में विपक्ष उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग में केसीआर की पार्टी, टीडीपी और जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को साधने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहता है. पहले भी डीएमके की मांग थी कि दक्षिण भारतीय उम्मीदवार हो, ऐसे में अब डीएमके भी रेड्डी के लिए समर्थन जुटाने की पुरजोर कोशिश करेगी.

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