Param Sundari Review: शानदार सिनेमेटोग्राफी के साथ जाह्नवी कपूर और सिद्धार्थ का अच्छा परफॉरमेंस, केरल की ख़ूबसूरती देखना है तो जरूर देखे ये फिल्म

Param Sundari Review: जाह्नवी कपूर ने मूवी में कमाल का काम किया है. उन्होंने अपनी एक्‍टिंग से पूरे सिनेमा घर को सबसे ज्यादा इंप्रेस किया है. ट्रेलर के बाद उनकी डिक्शन पर सवाल उठे थे लेकिन यहां जिस तरह से उन्‍होंन बढ़िया तरह से केरल के कल्चर को प्रमोट किया हैं.
Param Sundri Review

परम सुंदरी (फाइल फोटो)

Param Sundari Review: दोस्तों एक कहावत है कि अगर आप लगातार किसी चीज को नापसंद करें या बदलने की कोशिश करें तो एक दिन आप वैसे ही बन जाते हैं. ये कहावत मैडॉक फिल्म्स के लिए ठीक बैठ सकती है, क्योंकि मैडॉक एक अलग तरह के सिनेमा के लिए जाना जाता है. इन्होंने ऐसी-ऐसी फिल्में बनाई जो अलग-अलग हटके टॉपिक पर थी. इसमें हिंदी मीडियम, गो गोवा गॉन, स्त्री, बाला वगैरह शामिल हैं. इन सभी फिल्मों ने उन्हें अच्छा पैसा भी कमाकर दिया.

मैडॉक मेनस्ट्रीम से कुछ हटकर करने का प्रयास करते-करते अब शायद मेनस्ट्रीम में ही आ गया है. आप चाहे कितनी भी अलग फिल्में बना लें बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी जरूरी है. इसलिए वो मेनस्ट्रीम कमर्शियल सिनेमा भी बनाने लगे हैं. इसी कड़ी में इन्होंने नार्थ-साउथ की लव स्टोरी पर आधारित “परम सुंदरी” बनाई है. रिलीज से पहले इस मूवी को चेन्नई एक्सप्रेस लाइट और 2 स्टेट्स की कॉपी जैसे टाइटल दिए गए थे. वहीं ये थोड़ी-थोड़ी वैसी लगती भी है, ऐसा क्यों है चलिए आपको बताते हैं.

नार्थ-साउथ के लव पर आधरित कहानी

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक अमीर बाप के बेटे “परम” यानी सिद्धार्थ मल्होत्रा की कहानी से. फिल्‍म में दिखाया जाता है कि परम कई स्टार्ट अप्स में अपने पिता का पैसा लगा चुका है और हर बार सारा पैसा डुबा चुका है.वहीं अब उनसे एक डेटिंग ऐप पर पैसा लगाया है. ‘सोलमेट’ नाम का ये ऐप डेटा, फ्रीक्वेंसी और कई टेक्निकल जार्गन्स की मदद से आपको अपना सोलमेट ढूंढने में मदद करता है. अब क्या ये ऐप वाकई काम करता है, अपने पिता के सामने ये साबित करने के लिए परम खुद पहले इसका डेमो लेता है.

ऐप उसे बताता है कि केरल के एक छोटे से शहर में “सुंदरी” नाम की एक लड़की है. सुंदरी यानी जानवी कपूर एक होमस्टे चलाती है. ऐप में प्रोफाइल देख परम वहां पहुंच जाता है. इसके बाद शुरू होता है नॉर्थ और साउथ का संघर्ष. अब ये सब समझने के बाद परम और सुंदरी के बीच क्या-क्या होगा और उनकी लव स्टोरी किस अंजाम तक पहुंचेगी ये जानने के लिए आपको थिएटर की तरफ भागना होगा.

जाह्नवी की एक्‍टिंग ने किया कमाल

जाह्नवी कपूर ने मूवी में कमाल का काम किया है. उन्होंने अपनी एक्‍टिंग से पूरे सिनेमा घर को सबसे ज्यादा इंप्रेस किया है. ट्रेलर के बाद उनकी डिक्शन पर सवाल उठे थे लेकिन यहां जिस तरह से उन्‍होंन बढ़िया तरह से केरल के कल्चर को प्रमोट किया हैं. मूवी में सिद्धार्थ ने अच्छा काम किया है लेकिन कहीं-कहीं जाह्नवी-सिद्धार्थ पर भारी भी नजर आई.

सिद्धार्थ मूवी में हैंडसम लगे रहे हैं. उन्‍होंने अपने रोल को बखूबी निभाया है. पूरी मूवी में सिद्धार्थ की Costumes सबसे ज्यादा अच्‍छी तरह से इस्‍तेमाल की गई हैं. उन्होंने कमाल की शर्ट्स पहनी है. मूवी में मनजोत सिंह ने सिद्धार्थ के दोस्त का किरदार अच्छे से निभाया हैं. इनायत वर्मा जो कि जानवी की छोटी बहन बनी हैं, वो बहुत इम्प्रेस करती हैं. संजय कपूर लास्ट में आकर फिल्म में जान फूंकने की कोशिश करते हैं. मगर उनके रोल का इतना स्कोप नहीं था, तो एक्टिंग के मामले में फिल्म ठीक है मगर शायद ये फिल्म और एंगेजिंग होती अगर सिद्धार्थ और जाह्नवी के बीच के इक्वेशन को और एक्सप्लोर किया जाता.

दोनों एक्टर्स के बीच केमिस्ट्री की कमी नजर आई अब जाहिर सी बात है जब हम नार्थ साउथ के टॉपिक पर चेन्नई एक्सप्रेस जैसी कमाल फिल्म देख के बैठे हो तो शाहरुख़ दीपिका टाइप की केमिस्ट्री एक्सपेक्ट करके जाते हैऔर थोड़ी सी भी वैसी नजर आ जाए तो खुश हो जाते हैं लेकिन यहाँ ऐसा नहीं था. पर जो भी था ठीक ही था

कमजोर राइटिंग लेकिन बढ़िया डायरेक्शन

राइटिंग और स्क्रीनप्ले इस फिल्म की कमजोर कड़ी है, कहानी में और मसाला डालना चाहिए था. तुषार जलोटा, अर्श वोरा और गौरव मिश्रा को यहां और मेहनत करनी थी. तुषार जलोटा का डायरेक्शन बढ़िया है. बस राइटिंग और शार्प रखी जा सकती थी.

म्यूजिक है फिल्म की जान

सचिन-जिगर का म्यूजिक कमाल का है. ये फिल्म में अलग जान डालता है.और सच कहूँ तो मई म्यूजिक की वजह से ही फिल्म देखने गया था स्पेशली परदेसिया गाने को सुनने, जब वो गाना आता है सोनू निगम की आवाज में तो एक अलग ही जादू हो जाता है. बाकी गाने भी बढ़िया है और बैकग्राउंड म्यूजिक भी बढ़िया है.

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ओवरऑल कैसी है फिल्म

ये एक बढ़िया फील देने वाली फिल्म है स्क्रीन पर जो चल रहा है उसकी खूबसूरती देखने में मजा आता है. कमाल के विजुअल्स और कैमरा वर्क है आपका दिल जीत लेते हैं. आप केरल की ऐसी खूबसूरत देखते हैं कि लगता है ये फिल्म केरल टूरिज्म वालों ने बनवाई है. इसलिए मेरा सजेशन है कि अगर केरला का टूर करना हो तो उससे पहले ये फिल्म देख ही लीजिये कहानी में कोई खास नयापन नहीं है और ये कोई मास्टरपीस फिल्म नहीं है लेकिन बाकी के एलिमेंट्स फिल्म को संभाल लेते हैं. और कुल मिलाकर आप रिफ्रेश होकर आते हैं. तो गुड फीलिंग लेनी है तो जाकर देखिये

मेरी तरफ से फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार्स

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