Vistaar News|फोटो गैलरी|क्या आप ने खाई छत्तीसगढ़ की 36 भाजियां? कई का नाम सुनकर चौंक जाएंगे आप
क्या आप ने खाई छत्तीसगढ़ की 36 भाजियां? कई का नाम सुनकर चौंक जाएंगे आप
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यह हरी-भरी भाजियों का भी गढ़ है. यहां 36 प्रकार की भाजियां भी मिलती है. जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.
Written By श्वेक्षा पाठक
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Last Updated: Aug 31, 2025 10:40 AM IST
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छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यह हरी-भरी भाजियों का भी गढ़ है.
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वहीं छत्तीसगढ़ में 36 प्रकार की भाजियां भी मिलती है. जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.
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प्रदेश में कुछ ऐसी भाजियां ऐसी हैं, जिनके तने को काट कर अलग स्थान में उगाने वे उपज जाती हैं.
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ये हैं 36 भाजियां, जिन्हें छत्तीसगढ़ के लोग बड़े चाव से खाते हैं. इसमें पालक, चौलाई, मैथी, मूली भाजी, प्याज भाजी, सरसों भाजी, भथुआ, खेड़ा, चरोटा, चुनचुनिया, गोभी भाजी, चना, लाखड़ी, कुसमी, मास्टर, अमारी, पटवा, चना भाजी, कुम्हड़ा भाजी, लाल भाजी, कांदा भाजी शामिल हैं.
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कई भजियों का नाम भी आपने नहीं सुना होगा. जिसमें करमत्ता, मूनगा भाजी, तिनपनिया, लाखड़ी, कूलथी, आलू भाजी, कांठ गोभी भाजी, खोटनी भाजी, जरी भाजी, झुरगा भाजी, चनौटी, पहुना, केनी, उरीद भाजी, अमुर्री भाजी शामिल है.
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इन भाजियों में कई पौष्टित गुण होते है. जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
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राजधानी के थोक बाजार में बड़ी मात्रा में भाजियों की खपत प्रतिदिन होती है. इन भाजियों की सीमावर्ती राज्यों महाराष्ट्र, ओड़िसा, उत्तरप्रदेश, झारखंड और मध्यप्रदेश में सप्लाई की जाती है.