UP News: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है मामला
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी
UP News: लखनऊ के तालकटोरा थाने में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है. शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 1999 में देवरिया जिले में एसपी रहते हुए अमिताभ ने अपने पद का दुरुपयोग किया. आरोप है कि उनकी पत्नी नूतन ने फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल कर जिला उद्योग केंद्र से औद्योगिक प्लॉट संख्या बी-2 अपने नाम आवंटित करा लिया.
शिकायतकर्ता संजय शर्मा, निवासी आवास विकास कॉलोनी तालकटोरा, ने तहरीर में दावा किया कि नूतन ने प्लॉट लेने के लिए नूतन देवी पत्नी अभिजात/अभिताप ठाकुर, निवासी खैरा, जिला सीतामढ़ी (बिहार) के नाम से आवेदन किया. इस दौरान आवेदन पत्र, शपथ पत्र, ट्रेजरी चालान और ट्रांसफर डीड सभी नकली दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए.
शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप
शिकायतकर्ता संजय शर्मा का कहना है कि नूतन ने न केवल जाली पहचान पत्र और दस्तावेज तैयार कराए, बल्कि इन दस्तावेजों के आधार पर एसबीआई में चालान भी जमा किया. इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट आवंटन हासिल कर लिया गया. बाद में उक्त प्रॉपर्टी का विक्रय वास्तविक नाम-पते से किया गया, जिससे सरकारी विभागों और बैंकों को गुमराह किया गया.
शिकायत में यह भी कहा गया कि अमिताभ ठाकुर, जो उस समय जिले के पुलिस अधीक्षक थे, उन्होंने इस मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बजाय अपने पद का प्रभाव इस्तेमाल कर अधिकारियों पर दबाव बनाया और मामले को दबाने की कोशिश की गई.
उद्योग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत
एफआईआर में आरोप है कि जिला उद्योग केंद्र देवरिया के अधिकारी भी इस प्रकरण में मिलीभगत किए हुए थे. उनके हस्ताक्षर से जारी आदेशों में नूतन इंडस्ट्रीज की स्वामी का नाम “नूतन देवी पत्नी अभिजात ठाकुर” दर्ज किया गया. संजय शर्मा ने मामले की गहन जांच कर सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की है.
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अमिताभ ठाकुर ने बताया राजनीतिक षड्यंत्र
इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ने एक वीडियो बयान जारी कर आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया. उनका कहना है कि यह केस 25 साल पुराने एक सिविल विवाद को जबरदस्ती आपराधिक रंग देकर दर्ज कराया गया है. दोनों ने कहा कि यह कार्रवाई उनके द्वारा शासन के उच्च पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार उठाई गई आवाज का प्रतिशोध है.अमिताभ ने विश्वास जताया कि वे अदालत में तथ्य प्रस्तुत कर स्वयं को निर्दोष साबित करेंगे.
पुलिस ने शुरू की जांच
तालकटोरा थाने के इंस्पेक्टर ने पुष्टि की है कि संजय शर्मा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. अब इस मामले की जांच की जा रही है कि किन लोगों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और प्लॉट का आवंटन संभव हो सका था.