मैनपाट में डायरेक्टर प्रकाश झा बनांएगे हाईटेक वृद्धाश्रम, पर्यटन का भी होगा विकास, जानें क्या रहेगा खास?

Ambikapur: छत्तीसगढ़ के पर्यटन और संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में भारत का सबसे बड़ा हाईटेक ओल्ड एज होम का निर्माण होने वाला है.
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डायरेक्टर प्रकाश झा

Ambikapur: छत्तीसगढ़ के पर्यटन और संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में भारत का सबसे बड़ा हाईटेक ओल्ड एज होम का निर्माण होने वाला है. देश के प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा के द्वारा ओल्ड एज होम का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है, इसमें धनाढाय वर्ग के बुजुर्गों के लिए पूरी व्यवस्था होगी इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ के बुजुर्गों के लिए भी अलग से सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.

प्रकाश झा बनांएगे हाईटेक वृद्धाश्रम

उन्होंने यह भी बताया है कि किस तरह बस्तर से लेकर सरगुजा तक पर्यटन का विकास किया जाएगा और इसके लिए पर्यटन मंत्री खुद आने वाले दिनों में बस्तर का दौरा करने वाले हैं. बस्तर में स्थित चित्रकूट और दंतेश्वरी मंदिर सही दूसरे स्थान और उसके आसपास के धार्मिक स्थलों का भी तेजी से विकास होगा.

पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने बताया कि बस्तर में नक्सलवाद खत्म करने के लिए अंतिम लड़ाई चल रही है. मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरीके से खत्म करने की प्लानिंग है. जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद बस्तर में पर्यटन का तेजी से विकास होगा बस्तर में पर्यटन के विकास के लिए प्लान बनाया जाएगा लेकिन इससे पहले भी खुद बस्तर का दौरा करेंगे और उसके बाद अधिकारियों के साथ बैठकर किस तरह से बस्तर में पर्यटन को अधिक सहित बढ़ावा दिया जाए और स्थानीय लोगों को उसमें रोजगार दिया जाए इसके लिए काम शुरू किया जाएगा उन्होंने बताया कि बस्तर की दंतेश्वरी मंदिर और चित्रकूट का भी तेजी से विकास हो किसके साथ ही साथ यहां भी कॉरिडोर का निर्माण हो इन तमाम बिंदुओं पर काम करने की तैयारी है.

पर्यटन का भी होगा विकास?

राजेश अग्रवाल ने बताया कि पर्यटन मंडल की प्राथमिकता में सबसे पहले बस्तर और सरगुजा में पर्यटन को विकसित करना है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के मध्य क्षेत्र में पर्यटन का जितना विकास हुआ है उसकी अपेक्षा बस्तर और सरगुजा में नहीं हो सका है यही वजह है कि इन दोनों संभाग को लक्ष्य लेकर काम किया जाएगा हालांकि उन्होंने कहा कि सिरपुर और उसके आसपास स्थित पुरातात्विक स्थलों और धार्मिक स्थलों का भी विकास कार्य किया जाना है.

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राजेश अग्रवाल ने बताया कि इसके अलावा पुरातात्विक धरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए संग्रहालय का निर्माण भी किया जाना है और अब तक उत्खनन के बाद निकले मूर्तियों को सुरक्षित रखने के बाद फिर से अलग-अलग पुरातात्विक साइट में खनन का कार्य कराया जाएगा. जिसके लिए केंद्र सरकार से भी बजट मांगा जाएगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ में ऐसे कई पुरातात्विक स्थल है जहां पर उत्खनन किया जाना जरूरी है.

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