जंग से लेकर क्रिकेट के मैदान तक… हर बार मुंह की खाई… फिर भी हाथ न मिलाने पर बिलबिला रहे पाकिस्तानी

भारतीय टीम पहलगाम के उस आतंकी हमले के बाद पहली बार पाकिस्तान से भिड़ रही थी, जिसमें 26 लोगों को आतंकियों ने उनका धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया था. इस क्रूरता के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा चरम पर था.
IND vs Pak

एशिया कप में भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला

IND vs PAK: एशिया कप 2025 के तहत खेले गए ग्रुप स्टेज मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से रौंद दिया. पाकिस्तान के खिलाफ इस एकतरफा जीत को कप्तान सूर्य कुमार यादव ने सशस्त्र बलों को समर्पित किया और साथ ही कहा कि हम पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं. ये महज एक बयान नहीं था, बल्कि टॉस होने से लेकर मैच खत्म होने तक भारतीय टीम के खिलाड़ियों के हाव-भाव से देखने को मिल रहा था कि वे मैच भले ही खेल रहे थे, लेकिन पाकिस्तान का विरोध भी कर रहे थे.

टॉस के वक्त सूर्या ने पाकिस्तानी कप्तान से हाथ नहीं मिलाया. वहीं जीत के बाद भी शिवम दुबे के साथ सूर्या ड्रेसिंग रूम चले गए और टीम के खिलाड़ियों और स्टाफ के ड्रेसिंग रूम में जाने के बाद दरवाजे बंद कर दिए गए, जबकि पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर हाथ मिलाने का इंतजार करते रहे. बाद में सूर्या जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए तो उनसे सवाल किया गया कि क्या ये सब पहले से तय था और क्या हाथ न मिलाना खेल भावना के खिलाफ था. इस पर सूर्या ने कहा, “जीवन में कुछ चीजें खेल भावना से भी आगे होती हैं. मैंने प्रेजेंटेशन के दौरान भी कहा था कि हम पहलगाम के पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनके परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हैं. ये जीत हमारे सशस्त्र बलों को समर्पित है.”

पाक ने भारत की शिकायत की

हाथ न मिलाने पर पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर भारत के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. PCB की तरफ से कहा गया कि मैनेजर नवीद अख्तर चीमा ने मैच रेफरी के व्यवहार के खिलाफ भी विरोध दर्ज कराया है. पाक का कहना है कि उन्होंने दोनों कप्तानों से टॉस पर हाथ न मिलाने का अनुरोध किया था. विनिंग कैप्टन के बाद हारी हुई साइड यानी पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा प्रेजेंटेशन में भी नहीं गए. इस सबके अलावा, भारतीय कप्तान के पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में दिया गया बयान पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटरों को नागवार गुजरा है. उनका कहना था कि भारत को खेल भावना दिखाना चाहिए था और खेल में राजनीति को नहीं लाना चाहिए था.

राशिद लतीफ बिलबिलाए

पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ भारतीय खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने के फैसले से कुछ ज्यादा ही बिलबिलाए हुए थे. राशिद ने कहा कि युद्ध या पहलगाम हमले को लेकर आपकी आशंकाएं जायज हैं, लेकिन जब आप मैदान पर उतरें, तो खेल सही से खेलें. अगर पहलगाम की बात थी तो जंग ही कर लेते, वो भी नहीं की पूरी. भारत को युद्ध लड़ना चाहिए था. पीछे नहीं हटना चाहिए था. पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी ने कहा, “पहले भी जंग हुई हैं, लेकिन हमने हमेशा हाथ मिलाया है. ये बातें जीवनभर कलंक बनकर हमारे साथ रहेंगी.”

ये भी पढ़ें: IND vs PAK: खेल से बड़ा शहीदों का सम्मान, फिर क्रिकेट और खून एक साथ क्यों?

पाकिस्तानी खिलाड़ियों ये बात भूल रहे हैं कि जब भी खेल में राजनीति लाने की बात होती है, वे सबसे आगे रहते हैं. भारतीय टीम पेशेवर क्रिकेट खेलती है और मैदान भी उसका पेशेवर अंदाज ही देखने को मिलता है. लेकिन, पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर अपनी हरकतों से उसे धार्मिक रंग देने से भी बाज नहीं आते हैं.

गाजा का किया था समर्थन

2023 के वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान की टीम भारत आई थी. उस वक्त श्रीलंका से मुकाबले के बाद पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने एक पोस्ट किया था, जिस पर बवाल मच गया था. रिजवान ने अपने पोस्ट में गाजा का समर्थन किया था. तब गाजा पर हमास का कब्जा था और हमास के आतंकियों ने इजरायल में हमला किया था और सैकड़ों लोगों को मार दिया था. इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बमबारी करके हमास के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. रिजवान का ये पोस्ट उनकी कट्टर इस्लामिक सोच को दर्शा रहा था, क्योंकि गाजा में मरने वालों में कुछ आम लोग भी थे और वे मुस्लिम थे.

बीच मैदान रिजवान ने अदा की थी नमाज

इसी वर्ल्ड कप में नेदरलैंड्स के खिलाफ मैच में ड्रिंक्स के दौरान रिजवान बीच मैदान नमाज अदा करने लग गए थे, जिसको लेकर खूब बवाल मचा था. ऐसे में सूर्या के बयान पर जो पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों की बिलबिलाहट है, वह समझी जा सकती है. क्योंकि एक तरफ, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाक को धूल चटाई और उसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने दुबई में पाक टीम को घुटनों पर ला दिया.

पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा था

बता दें कि भारतीय टीम पहलगाम के उस आतंकी हमले के बाद पहली बार पाकिस्तान से भिड़ रही थी, जिसमें 26 लोगों को आतंकियों ने उनका धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया था. इस क्रूरता के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा चरम पर था. सरकार ने इसके बाद सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था.

भारतीय सेना ने शुरू किया था ‘ऑपरेशन सिंदूर’

वहीं भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. भारत की इस कार्रवाई के बाद पाक सेना ने सीमा पर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया तो भारतीय सेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को तबाह कर दिया. भारत के हमले में हुए भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का अनुरोध किया था, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया था.

ज़रूर पढ़ें