Mirai Movie Review: Teja Sajja ने बताया क्या है असली सिनेमा, Hindu Mythology का VFX के साथ गजब इस्तेमाल
मिराय मूवी रिवयू
Mirai Movie Review: सिनेमा का दूसरा नाम ही कनविक्शन होता है. जहां कुछ हिंदी फिल्ममेकर्स की सोच खत्म होती है, तो वहां से कुछ साउथ फिल्ममेकर्स की सोच शुरू होती है. हाल में लोका चैप्टर 1 में भी हमने ये देखा, जिस तरह से कहानी को पेश किया गया वो अपने आप में कमाल है. आप हैरान हो जाते हैं कि ये विजन आखिर आया कहां से. साउथ के मेकर्स ने ये जो माइथोलॉजिक, एडवेंचर और सुपरहीरो फिल्मों का कॉन्सेप्ट पकड़ा है, ये बड़ा ही कमाल का चल रहा है.
कार्तिकेय 2’, ‘कांतारा’, ‘हनुमान’, ‘कल्कि’, ‘महावतार नरसिम्हा’, ‘लोका’ और अब आयी है ‘मिराय’. तेजा सज्जा, ये वही एक्टर हैं जो पिछले साल जनवरी में ‘हनुमान’ में नजर आए थे. इस फिल्म ने जमकर कमाई की थी और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी. अब डेढ़ साल बाद तेज सज्जा ‘मिराय’ लेकर आए हैं. हमने ये फिल्म देखी और सच कहुँ तो मजा आया, अब क्यों आया चलिए बताता हूँ.
कहानी
फिल्म की कहानी नौ ग्रंथों के इर्द-गिर्द बनाई गई है. जिन्हें संभालने की जिम्मेदारी सम्राट अशोक ने अलग-अलग योद्धाओं को दी थी. इन ग्रंथों में वो ताकत है जो मनुष्यों को देवताओं में बदल सकती है. काले जादू और तंत्र विद्या में निपुण बेरहम महाबीर लामा (मांचू मनोज) एक-एक करके इन ग्रंथों की ताकत हासिल करता जा रहा है. अब वो नौवें ग्रंथ की खोज कर रहा है और उसे रोकने के लिए योद्धा अंबिका (श्रेया सरन) एक बेटे को जन्म देती है.
अंबिका अपने बेटे वेधा (तेजा सज्जा) को जन्म देकर उसे एक मंदिर में छोड़ देती है. वहां उसे एक अघोरी पालता है. वक्त गुजरता है और वर्तमान में वेधा बड़ा होकर चोर बन जाता है. वेधा को ढूंढने के लिए योद्धा अपनी शिष्या विभा (रितिका नायक) को भेजते हैं. इसके बाद शुरू होती है वेधा की खुद को पहचानने की खोज. क्या वेधा खुद को वक्त रहते हुए खोज पाएगा? क्या है ‘मिराय’ और वेधा उस तक कैसे पहुंचेगा? महाबीर लामा इतना बेरहम कैसे बना और क्या उसका वेधा से कोई नाता है? इन सवालों के जवाब आपको मिलेंगे जब आप दौड़कर जायेंगे सिनेघरों में.
एक्टिंग
तेजा सज्जा ने अपना किरदार वैसे ही निभाया जैसी उनसे उम्मीद थी. कई सीन देखकर ऐसा लगता है जैसे थिएटर में फिर से ‘हनु मान’ रिलीज हुई है. एक्शन सीन में उनके एक्सप्रेशन अच्छे हैं. विलेन के तौर पर मांचू मनोज कमजोर लगे हैं. वो पूरी फिल्म में लगभग एक ही एक्सप्रेशन में रहे हैं. उनसे बेहतर एक्सप्रेशन उनके बचपन का रोल निभाने वाले कलाकार ने दिए. दिल्ली की रहने वाली रितिका नायक साउथ की इस फिल्म में मासूमियत लाती हैं. श्रेया सरन फिल्म की जान हैं. उनका काम भी एक नंबर है. जगपति बाबू और राज जुत्शी समेत बाकी कलाकारों का काम भी बढ़िया है.
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन कार्तिक ने किया है. उन्होंने इस फिल्म से एक नया यूनिवर्स बनाया है. जिसके दूसरे पार्ट में अब आपको राणा दग्गुबाती विलेन बने दिखेंगे. कार्तिक का काम अच्छा है. फिल्म में हर एक चीज का उन्होंने सही वक्त पर इस्तेमाल किया है. न दर्शकों को बोर होने दिया और न ही वीएफएक्स जरूरत से ज्यादा होने दिया. ऐसी फिल्मों को रोमांचक बनाए रखना बड़ा मुश्किल होता है, जहां पहले से ही पता हो कि अंत में हीरो को उसकी ताकत पता चल ही जाएगी और वो सबको बचाएगा ही. लेकिन यहाँ हर चीज़ को अच्छी तरह इम्प्लीमेंट किया गया है.
म्यूजिक
म्यूजिक फिल्म का गौड़ा हरी ने दिदिया जो बहुत अच्छा है, फिल्म के ग्रैंड VFX सीन्स जब आते हैं तो उनके साथ कमाल लगता है और आखिरी तक आपको बांधे रखता है.
ओवरऑल
फिल्म की ताकत है इसकी कहानी और इसे पेश करने का तरीका. आप कहीं भी कन्फ्यूज नहीं होते. एक्शन सीन बढ़िया हैं. बाकी फिल्म के विजुअल्स भी बढ़िया हैं. हर किरदार की बैकग्राउंड स्टोरी दिखाई गई है, जिससे आप उससे और ज्यादा जुड़ पाते हैं. ये कमाल की फिल्म है, इसे ही सिनेमा कहते हैं. करण जौहर ने इस फिल्म की डिस्ट्रीब्यूट किया. इससे ही लग गया था कि फिल्म कमाल होगी क्योंकि करण कमाल के बिजनेसमैन भी हैं.
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ये फिल्म शुरू से एंड तक कमाल है. कमाल के सीन आते हैं. वीएफएक्स इतने कमाल के हैं कि आप हैरान हो जाते हैं कि ये इंडिया में बने हैं. एक्शन सीन अलग लेवल के हैं. आजकल फिल्ममेकर्स की फेवरेट कुल्हाड़ी का कहीं यूज नहीं किया गया, नए हथियार दिखाए गए हैं. एक ट्रेन वाला सीन आता है जो आपको हिला देता है. श्रीराम से भी फिल्म को जोड़ा गया है, gen Z से लेकर माइथोलॉजी और तंत्र मंत्र, कैसे इन सबको एक साथ दिखाया गया है, ये कमाल है.
*फिल्म को 4 स्टार्स