Uniform Civil Code: उत्तराखंड के बाद अब असम में UCC लाने की तैयारी, 89 साल पुराना कानून हुआ खत्म

Uniform Civil Code: सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को असम कैबिनेट की बैठक हुई है.
Himanta Biswa Sarma

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (फोटो- सोशल मीडिया)

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के बाद अब असम में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी तेज हो गई है. अब राज्य में रहने वाले मुसलमानों द्वारा विवाह और तलाक के रजिस्ट्रेशन से जुड़े कानून को रद्द कर दिया गया है. बुधवार को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला किया गया है. इस बैठक में कैबिनेट ने राज्य के 89 साल पुराने कानून को खत्म करने का फैसला किया है. इसकी जानकारी राज्य के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला द्वारा दी गई.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने पहले ही घोषणा की थी. तब उन्होंने कहा था कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड़ लागू करेंगे. अब हमने असम में मुस्लिम विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन 1935 को रद्द कर दिया है. ये बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला किया गया है. दरअसल, राज्य में इस कानून के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक के लिए स्वेच्छा से रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया था लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है.

एक ही प्रावधान के तहत रजिस्ट्रेशन

अब असम सरकार के नए फैसले से असम में मुस्लिम विवाह और तलाक के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं होगी. पर्यटन मंत्री ने बताया है कि हमारे राज्य में पहले से एक विवाह अधिनियम है, जिस जारी रखा जाएगा. हम चाहते हैं कि सभी विवाह एक ही प्रावधान के तहत रजिस्ट्रर किया जाए. असम में वर्तमान में 94 अधिकृत ऐसे व्यक्ति हैं जो मुस्लिम विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. लेकिन अब सरकार के फैसले के बार हर जिले में निर्देश जारी कर उनका अधिकार खत्म कर दिया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उपयोग कर आजीविका कमा रहे थे, इस वजह से राज्य सरकार के ओर से उन्हें दो-दो लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला किया गया है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के ओर एक कदम बढ़ने के साथ ही कैबिनेट ने इस अधिनियम को खत्म करना जरूरी समझा है.

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