लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मिला प्रमोशन, मालेगांव ब्लास्ट में बरी होने के बाद अब ये पद मिला

मालेगांव ब्लास्ट मामले में 31 जुलाई 2025 को NIA की कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, के अलावा भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा, मेजर रमेश उपाध्याय (रि.), अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया था.
Lieutenant Colonel Purohit has been promoted.

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को प्रमोट किया गया है.

Lt. Col. Purohit: मालेगांव ब्लास्ट में बरी होने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को प्रमोशन मिला है. महाराष्ट्र में 2008 में मालेगांव ब्लास्ट में सैना के अधिकारी को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को अब कर्नल के पद पर प्रमोट किया गया है. मालेगांव ब्लास्ट में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला था, जिसके बाद NIA की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था.

प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी आरोपी बरी

मालेगांव ब्लास्ट मामले में 31 जुलाई 2025 को NIA की कोर्ट ने फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, के अलावा भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा, मेजर रमेश उपाध्याय (रि.), अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया था.

इन सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (UAPA), आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत आरोप थे. फैसला 31 जुलाई को सुनाया गया, जिसमें कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया.

6 लोगों की हुई थी मौत

तारीख 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था. इस हमले में छह लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हुए. यह विस्फोट रमजान के पवित्र महीने के दौरान हुआ, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया. शुरुआत में जांच महाराष्ट्र ATS ने की थी, जिसने हिंदू चरमपंथी संगठनों पर शक जताया. बाद में मामला NIA को सौंपा गया था.

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मालेगांव बम ब्लास्ट केस की टाइमलाइन

29 सितंबर 2008- रात 9.35 बजे नासिक जिले के अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच मोटरसाइकिल में बम रखा गया था, जिसमें ब्लास्ट हुआ. इस बम धमाके में 6 लोगों की मौत और 95 लोग घायल हुए थे

30 सितंबर 2008- तड़के 3 बजे मालेगांव के आजाद नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया

21 अक्टूबर 2008- इस मामले की जांच ATS को सौंपी गई

20 जनवरी 2009- मुंबई की विशेष मकोका अदालत में ATS ने कार्रवाई शुरू की और चार्जशीट दाखिल की

13 अप्रैल 2011- जांच NIA को सौंपी गई

21 अप्रैल 2011- NIA ने मुंबई स्थित NIA की विशेष अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट सौंपी

13 मई 2016- NIA ने एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट NIA की विशेष अदालत को सौंपी

2017- गवाहों के मुकरने और कमजोर जांच होने से सभी आरोपी जमानत पर रिहा किया गया

27 दिसंबर 2017- विशेष NIA कोर्ट मुंबई ने चार्ज फ्रेमिंग की प्रक्रिया फिर से शुरू की

30 अक्टूबर 2018- कुल 7 आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया

3 दिसंबर 2018- इस मामले में कुल 323 गवाह पेश किए गए, पहला गवाह पेश किया गया

4 सितंबर 2023- अंतिम गवाह को पेश किया गया, 40 गवाहों को हॉस्टाइल घोषित किया गया

12 अगस्त 2024- धारा 313 CrPC के तहत आरोपियों के बयान दर्ज किए गए

25 जुलाई 2024 से 27 सितंबर 2024 तक प्रॉसिक्यूशन की बहस चली

30 सितंबर 2024 से 3 अप्रैल 2025 तक डिफेंस की बहस की ओर से बहस पूरी हुई

4 अप्रैल 2025 से 19 अप्रैल 2025 तक प्रॉसिक्यूशन की जवाब पेश किया गया

31 जुलाई 2025 – मालेगांव बम ब्लास्ट के सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया गया

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