’43 सीटें हारे हैं, अभी और हारेंगे…’, जाति वाले फैसले को लेकर अपनी ही सरकार पर सीएम योगी के मंत्री ने क्यों उठाए सवाल?
संजय निषाद
Sanjay Nishad: उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक जगहों और सरकारी रिकॉर्ड्स में जाति उल्लेख पर योगी सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी है. वहीं सरकार के इस फैसले से कैबिनेट मंत्री संजय निषाद नाराज नजर आ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री ने इसे राजनीतिक तौर पर ठीक नहीं बताया है. साथ ही इस फैसले पर दोबारा विचार की मांग भी रखी है.
क्या है योगी सरकार का फैसला?
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने पब्लिक जगहों, सरकारी रिकॉर्ड्स और वाहनों पर जाति का उल्लेख करने पर पूर्णत: रोक लगा दी है. साथ ही जाति पर आधारित रैली-प्रदर्शन पर भी प्रदेश में बैन है. लेकिन सरकार के इस फैसले से कैबिनेट मंत्री संजय निषाद सहमत नहीं नजर आ रहे हैं. उनका कहना है सरकार का ये फैसला पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, जिस पर सरकार को फिर से विचार करने की जरूरत है.
क्या बोल रहे हैं संजय निषाद?
सरकार के जाति वाले इस फैसले से संजय निषाद का कहना है कि जल्द ही जातीय जनगणना भी होने वाली है. ऐसे में किसी भी जगह पर जाति का उल्लेख न करने का आदेश विरोधाभासी साबित हो सकता है. साथ ही उन्होने ये भी कहा कि अगर ब्राह्मण को ब्राह्मण और पंडित को पंडित नहीं कहा जाए तो उनकी पहचान कैसे तय होगी? हमारे देश के इतिहास में जातियों का अहम स्थान रहा है. इसलिए सभी को अपनी जाति बताने का अधिकार तो मिलना चाहिए.
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43 सीटों का नुकसान भुगतना पड़ा
मंत्री निषाद ने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले चुनावों में जाति वाले नैरेटिव के कारण पार्टी को 43 सीटों का नुकसान भुगतना पड़ा था. अगर विपक्ष ने यही नैरेटिव अपनाया तो BJP और सहयोगी पार्टियों को चुनाव में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में सरकार को हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दोबारा याचिका दायर करनी चाहिए.