Zubeen Garg Death Case: इवेंट मैनेजर पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप, छापेमारी में CID के हाथ लगे कई दस्तावेज
Zubeen Garg और इवेंट मैनेजर
CID investigation in Zubeen Garg case: असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की मौत के बाद मामला और उलझता जा रहा है. सिंगापुर में 19 सितंबर को समुद्र में स्कूबा डाइबिंग के दौरान जुबिन गर्ग की आकस्मिक मौत हुई थी, जहां वे पूर्वोत्तर भारत के एक फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन इवेंट मैनेजर श्यामकानु महंता की कंपनी ने किया था, जिन पर अब मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. जुबिन की मौत के बाद पूरे राज्य में 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं और महंता को मुख्य आरोपी बनाया गया.
CID ने की छापेमारी
हाल ही में CID ने महंता के घर और दफ्तर पर छापेमारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले दस्तावेज हाथ लगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाशी में एक ही कंपनी के नाम पर बनाए गए कई पैन कार्ड, करीब 30 अलग-अलग कंपनियों और सरकारी अधिकारियों की फर्जी मुहरें, बेनामी संपत्तियों से जुड़े कागजात और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह सामग्री एक बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करती है.
गौरतलब है कि श्यामकानु महंता कोई साधारण शख्सियत नहीं हैं. वे असम के पूर्व डीजीपी और मौजूदा सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंता के छोटे भाई हैं. उनके एक अन्य भाई पहले मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार रहे हैं और इस समय गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. इस पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है तथा राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.
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मैनेजर श्यामकानु महंता पर दर्ज की नई FIR
CID ने बरामदगी के बाद नई FIR दर्ज की है, जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और जालसाजी का उल्लेख है. जांच अधिकारियों ने महंता की संपत्तियों, कंपनियों और बैंक खातों की गहन पड़ताल के साथ-साथ संदेहास्पद लेन-देन की जांच की सिफारिश की है. इसके तहत उनकी संपत्तियों और खातों को कुर्क करने और संदिग्ध लेन-देन को फ्रीज करने की मांग भी की गई है.
असम पुलिस पहले ही जुबिन गर्ग की मौत की जांच के लिए 9 सदस्यीय SIT गठित कर चुकी है. अब नए खुलासों के बाद यह मामला और गहराता नजर आ रहा है, जिसने राज्य की राजनीति और प्रशासन को झकझोर दिया है.