अब 16 नहीं सिर्फ 1.30 घंटे में सफर होगा पूरा, जगदलपुर टू भुवनेश्वर के लिए उड़ेगी सीधी फ्लाइट
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Jagdalpur to Bhuvneshwar: छत्तीसगढ़ में बस्तर के लोगों को जल्द ही लंबी रेल यात्रा से राहत मिलने वाली है. बहुत ही जल्द जगदलपुर से भुवनेश्वर के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू होगी. ऐसे में अभी रेल से जो यात्रा 16 घंटे की है, वह हवाई सेवा शुरू होने के बाद सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी हो जाएगी. इसका फायदा बस्तर के साथ ओडिशा के लोगों को भी मिलेगा. माना जा रहा है कि विंटर शेड्यूल से हैदराबाद-जगदलपुर-भुवनेश्वर मार्ग पर उड़ान शुरू होने से यह फ्लाइट शुरू हो जाएगी.
सिर्फ 1.30 में सफर होगा पूरा
जगदलपुर से भुवनेश्वर के बीच रेल यात्रा में अभी 16 घंटे लगते हैं, लेकिन जल्द शुरू होने वाली हवाई सेवा से यह दूरी मात्र डेढ़ घंटे में तय होगी. इससे एनएमडीसी जैसी कंपनियों को लाभ होगा और बस्तर के औद्योगिक क्षेत्र को गति मिलेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा होगा. लंबे समय से इस नए हवाई मार्ग के लिए प्रयास किए जा रहे थे. उम्मीद है कि 26 अक्टूबर से शुरू होने वाले विंटर शेड्यूल में यह फ्लाइट शामिल हो सकती है.
बस्तर में हवाई सेवा की शुरुआत
हैदराबाद-जगदलपुर-भुवनेश्वर मार्ग पर उड़ान संचालन की जिम्मेदारी एलायंस एयर को मिल सकती है. बस्तर में हवाई सेवा की शुरुआत एलायंस एयर ने ही हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर मार्ग से की थी, लेकिन इंडिगो की इस मार्ग पर सेवा शुरू होने के बाद एलायंस ने इसे बंद कर दिया. बाद में जगदलपुर-जबलपुर-दिल्ली मार्ग पर उड़ान शुरू की गई. नए हैदराबाद-जगदलपुर-भुवनेश्वर मार्ग के लिए भी एलायंस एयर को जिम्मेदारी मिल सकती है. वर्तमान में जगदलपुर से दो मार्गों पर उड़ानें संचालित हैं- हैदराबाद-जगदलपुर के लिए इंडिगो और जगदलपुर-दिल्ली के लिए एलायंस एयर. इसके अलावा, पैरामिलिट्री जवानों के लिए इंडिगो जगदलपुर-दिल्ली के बीच विशेष उड़ान संचालित करता है.
बस्तर में होगा औद्योगिक विकास
बता दें कि वर्तमान में जगदलपुर से भुवनेश्वर के बीच हीराखंड एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित है, जो जगदलपुर से शाम 4:30 बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 8:20 बजे भुवनेश्वर पहुंचती है. भुवनेश्वर से यह ट्रेन शाम 7:35 बजे चलकर अगले दिन सुबह 11:15 बजे जगदलपुर पहुंचती है. इस 785 KM की दूरी को तय करने में रेल से 16 घंटे लगते हैं. नई हवाई सेवा शुरू होने से यह दूरी डेढ़ घंटे में सिमट जाएगी, जिससे यात्रियों को लंबी यात्रा से राहत मिलेगी. साथ ही, इस सेवा से बस्तर में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी और क्षेत्र के औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.