CGPSC Scam: आरती वासनिक समेत 5 आरोपियों के खिलाफ CBI ने स्पेशल कोर्ट में दाखिल की 1500 पन्नों की चार्जशीट, 19 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी
आरोपी आरती वासनिक
CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021-22 भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले मामले में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए CGPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पूर्व सचिव व सेवानिवृत्त आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल को कुछ दिनों पहले ही गिरफ्तार किया था.
इस मामले में CBI ने इन सभी पर परीक्षा में धांधली के आरोप लगाते हुए पांचों आरोपियों के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. जिसे CBI की विशेष कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
चयन भर्ती में करीबियों को दिए थे बड़े पद
कुछ दिनों पहले CBI ने CGPSC मामले में चल रही जांच के तहत आरती वासनिक और पूर्व सचिव व सेवानिवृत्त आईएएस जीवन किशोर ध्रुव समेत पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. अब तक इस मामले में 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं.CBI मामले की गहन जांच कर रही है. CGPSC घोटाला राज्य में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के समय का है.
उस दौरान CGPSC भर्ती परिक्षा में अनियमितताओं के संबंध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को करीब 48 शिकायतें दर्ज की थी. इन शिकायतों में आरोप था कि राज्य के प्रभावशाली राजनेता और उच्च अधिकारियों के करीबी लोगों काे डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और भी बड़े पदों पर चयन करके भर्ती किया गया है.
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2021 में आया था भर्ती विज्ञापन
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने वर्ष 2021 में भर्ती का विज्ञापन जारी किया था. इस भर्ती के तहत आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में 171 पदों के लिए कुल 2,565 अभ्यर्थी सफल हुए थे. इसके बाद 26 से 29 मई 2022 के बीच हुई मुख्य परीक्षा में 509 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की. अंततः साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी होने के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची प्रकाशित की गई.
भर्ती परिक्षा में भ्रष्टाचार के आरोप
चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भर्ती में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए. इस मामले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. राज्य की विष्णु देव साय सरकार के अनुरोध पर इस पूरे प्रकरण की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है.