मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की ‘नो एंट्री’ पर बवाल, विपक्ष ने घेरा तो सरकार ने दिया जवाब

Muttaki media controversy: मामले पर प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से सवाल करते हुए कहा था, 'प्रधानमंत्री जी कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें.'
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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और अफगान मंत्री आमीर खान मुत्तकी(File Photo)

Women journalists no entry news: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी(Amir Khan Muttaqi) की नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस(Press Conference) में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन होने पर सिसासत गरमा गई है. मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की नो एंट्री पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, पी. चिदरंबम ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस का कहना है कि भारत में ही महिलाओं का अपमान किया जा रहा है और सरकार चुप है. सरकार ने देश में महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया. वहीं विपक्ष के सवालों पर अब केंद्र सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है.

‘अफगानी एंबेसी में बुलाई गई थी प्रेस कॉन्फ्रेंस’

वहीं विपक्ष के हमले के बाद सरकार ने मामले पर सफाई दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि महिला पत्रकारों का प्रेस कॉन्फ्रेंस में ना शामिल करने का फैसला सरकार का नहीं था. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानी एंबेसी ने आयोजित की थी. अफगान एंबेसी की तरफ से कुछ चुनिंदा पत्रकारों को ही निमंत्रण भेजा गया था.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुक्तकी 7 दिन के भारत दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंचे थे. वहीं दूसरे दिन यानी शुक्रवार को उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी.

महिला पत्रकारों की नो एंट्री पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

शुक्रवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुक्तकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें महिला पत्रकारों की एंट्री को बैन कर दिया गया. जिसको लेकर कांग्रेस नताओं ने जमकर हमला बोला. देश के पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने इसको लेकर सवाल उठाए थे. चिदंबरम ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ‘मुझे इस बात पर हैरानी है कि अफगानिस्तान के मंत्री आमिर खान मुत्ताक़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया. मेरे निजी विचार से, जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को शामिल नहीं किया गया है (या उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है) तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था’.

‘महिलाओं का अपमान देश में कैसे होने दिया’

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश की है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें. अगर महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा नहीं है, तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही इसकी रीढ़ और गौरव हैं.’

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