बिहार विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का बोलबाला, इन नेताओं के रिश्तेदारों को भी मिला टिकट
बिहार विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का बोलबाला.
Bihar Election 2025 Parivarvad: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही यहां का सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है. सभी पार्टियां सियासी बिसात पर चालें चलती दिख रही हैं. लेकिन इन सब के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का बोलबाला दिखाई दे रहा है. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर भले ही परिवारवाद करने का आरोप लगाती हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी पीछे नहीं दिख रही है. भाजपा, कांग्रेस जेडीयू, जदयू, हम, वीआईपी नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है.
उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी और जीतनराम मांझी के परिवार में 3 टिकट
बिहार विधानसभा चुनाव में जिन नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया है, उनमें कभी बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं. राष्ट्रीय लोक समता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता को टिकट दिया गया है. वहीं जीतनराम मांझी के परिवार के 3 लोगों को हम पार्टी का टिकट दिया गया है. इनमें जीतनराम मांझी के चाचा, समधिन और बहू भी शामिल हैं.
सुनील पांडेय के बेटे को भाजपा और भाई को लोजपा से टिकट
इसके अलावा जेडीयू के विधायक अशोक चौधरी के बेटे आदित्य कुमार को पार्टी ने टिकट दिया है. वहीं जेडीयू के पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को भाजपा से, और भाई हुलास पांडेय को लोजपा(आर) से टिकट मिला है.
रिश्तेदारों की लिस्ट में इन बड़े नेताओं के नाम भी शामिल

विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का बोलबाला
सभी पार्टियों के नेता मंच से चीख-चीखकर परिवारवाद के खिलाफ बोलते हैं. लेकिन नेताओं की कथनी और करनी में बड़ा फर्क नजर आता है. सभी पार्टियों के नेता भाई-भतीजावाद से अभी तक ऊपर नहीं उठ सके हैं. इसकी झलक विधानसभा चुनाव में साफ नजर आ रही है. अभी चुनाव के समय नेता अपने रिश्तेदारों को पार्टी का टिकट दिलवा रहे हैं और चुनाव के बाद परिवारवाद को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आएंगे.
ये भी पढ़ें: महागठबंधन में सीट बंटवारे में दरार! कई सीटों पर राजद और VIP आमने-सामने, वामदल ने भी कांग्रेस को दी टेंशन