‘नक्सली केवल हथियार छोड़ रहे, सरेंडर नहीं कर रहे’, घर वापसी करने वाले रूपेश ने ये बात क्यों कही?
रूपेश ने विस्तार न्यूज़ को Exclusive इंटरव्यू दिया.
Naxal Leader Rupesh Exclusive Interview: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बड़ी संख्या में हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है. जगदलपुर में नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब जोनल प्रभारी रूपेश समेत 210 हथियारबंद साथियों के साथ घर वापसी की है. रूपेश ने विस्तार न्यूज़ के साथ Exclusive Interview के दौरान एडिटर इन चीफ ज्ञानेंद्र तिवारी से खुलकर कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान रूपेश ने इस बात का जवाब दिया कि क्यों नक्सलियों के हथियार छोड़ने को सरेंडर नहीं बल्कि सशस्त्र संघर्ष रोकना कहा जाए.
‘हथियार छोड़ना और पकड़ना बड़ी बात नहीं है’
रूपेश ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि ये सरेंडर नहीं है. रूपेश ने कहा, ‘हम हथियार छोड़कर जनता के साथ रहना चाहते हैं. जनता की समस्याओं को लेकर उनके आंदोलन को अभी लीड करना चाहते हैं. केवल गैर कानूनी तरीके से हथियारों को चलाना छोड़ रहे हैं. हम अभी भी जनता के लिए काम करेंगे. सिर्फ हथियार छोड़ रहे हैं. जो लोग बोल रहे हैं कि ये जनता के साथ धोखा है अभी उन्हें ये समझने में वक्त लगेगा. हथियार छोड़ना और पकड़ना बड़ी बात नहीं है. जनता कल चाहे तो हथियार फिर पकड़ सकती है. हम जनता का फैसला करने वाले कौन होते हैं. हम अभी भी जनता के साथ हैं. हथियार छोड़ने को लेकर मेरे साथी मेरे खिलाफ बोलते हैं, लेकिन मैं उनके लिए कभी भी उल्टा नहीं कहूंगा.’
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‘हिडमा के बारे में गलत चीजें बताई गई हैं’
विस्तार न्यूज़ के एडिटर इन चीफ ज्ञानेंद्र तिवारी से हुई बातचीत के दौरान रूपेश ने हिडमा को लेकर भी चर्चा की. रूपेश ने कहा, ‘हिडमा के बारे में गलत चीजें फैलाई गई हैं. यह बात गलत है कि जन अदालत में हिडमा किसी को भी मौत के घाट उतार देता है. हिडमा और हमारा कॉमरेड साथी है. मैंने हिडम से मिलने की कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. मेरी हिडमा से भी जब भी मुलाकात होगी, मैं उसे भी हथियार का रास्ता छोड़ने के लिए कहूंगा. मैं उनसे कहूंगा कि आप लोगों ने जो रास्ता चुना है, वो सही है. लेकिन अभी की परिस्थितियों को देखते हुए फैसला लेना है. हम अगर जिंदा रहेंगे तो जनता के लिए बहुत कुछ कर पाएंगे.’