CG News: सरगुजा कोल माइंस क्षेत्र में भू-माफियाओं का पर्दाफाश, राजस्व अधिकारियाें संग मिलकर हड़पी 65 एकड़ जमीन, पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार
पीडित परिवारों ने लगाई न्याय की गुहार
CG News: सरगुजा जिले के कोल माइंस क्षेत्र घाटबर्रा गांव में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से गरीब लोगों की खेती-किसानी की 65 एकड़ जमीन को माफियाओं ने अपने लोगों के नाम करा लिया है. इतना ही नहीं कोल माइंस कंपनी की ओर से मिली मुआवजा राशि को भी हड़प लिया है. इसका खुलासा तब हुआ जब वास्तविक जमीन मालिकों को मुआवजा नहीं मिला. पता चला है कि जब माइंस के लिए इस इलाके में सर्वे का काम चल रहा था तभी माफियाओं ने तत्कालीन पटवारी व तहसीलदार की मिलीभगत से लोगों की जमीन अपने नाम करा ली.
कलेक्टर के आदेश पर भी शुरू नहीं हुई जांच
सरगुजा कलेक्टर ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए है. हालांंकि, पीड़ित लोगों ने बताया कि जांच के आदेश दिए हुए एक महीने से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन अब तक अधिकारियों ने जांच ही शुरू नहीं की है. दूसरी तरफ माइंस कंपनी अब वास्तविक जमीन मालिकों को उनके जमीन और मकान से बेदखल करने की तैयारी कर रही है.
भू-माफियाओं ने छल से हड़पी 65 एकड़ जमीन
कलेक्टर व सरगुजा संभाग आयुक्त को दिए आवेदन में पीड़ितों ने बताया है कि सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र के ग्राम घाटबर्रा की भूमि अदानी परसा केते कोल ब्लॉक परियोजना हेतु अधिग्रहित किया गया है. ग्राम के भू-स्वामियों को अदानी कंपनी द्वारा मूल्यांकन के आधार पर मुआवजा भुगतान कर दिया गया है. साल 2015 के पहले परसा केते द्वारा इस ग्राम का सर्वे किया गया. ग्राम घाटबर्रा में रहने वाल लोगों के निरक्षर व अज्ञानता का लाभ लेते हुए भोले-भाले भू-स्वामियों का 84 जमीन प्लॉट का लगभग 65 एकड़ तात्कालिक राजस्व कर्मियों व भू-माफियाओं ने खुद ही क्रेता और विक्रेता तैयार कर अपने नाम करा लिया.
बताया गया है कि घाटबर्रा निवासी ननका के भाई ठीभू राम ने मात्र 2.43 एकड़ विक्रय किया है और छल पूर्वक लगभग 18 एकड़ जमीन 22 व्यक्तियों के नाम रजिस्ट्री करा दी गई. इसी तरह परबतिया ने मात्र 20 डिसमिल जमीन, राजमोहनी भवन के पास अंबिकापुर निवासी ईश्वर अग्रवाल को मात्र 20 डिसमिल बेचा लेकिन रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा कूटरचना कर लगभग 20 एकड़ पट्टे की कुल 19 प्लॉट जमीन 15 व्यक्तियों के नाम रजिस्ट्री करा दिया गया है. इसके अलावा तिलमेत ने मात्र 7 डिसमिल विक्रय करने के लिए सहमति दिया था किन्तु घनश्याम यादव ने कूटरचित कर 0.287 हेक्टेयर भूमि अपने नाम रजिस्ट्री करा लिया.
कोल माइन्स कंपनी ने जारी किया नोटिस
ऐसे कई पीड़ित परिवार हैं, जिनकी पुश्तैनी जमीन माफियाओं ने पहले अपने नाम कराई. इसके बाद वे खामोश रहे क्योंकि वे इस जमीन पर कब्जा नहीं करना चाहते थे. उन्हें सिर्फ मुआवजा लेना था. अब जब राजस्व विभाग और कंपनी ने मुआवजा प्रकरण तैयार किया तो कागजों में जिन लोगों के नाम पर जमीन है उन्हीं के नाम पर मुआवजा तैयार किया गया है. ऐसे में वास्तविक जमीन मालिक मुआवजा से भी वंचित हो गए हैं तो दूसरी तरफ कोल माइन्स कंपनी ने कई पीढ़ी से मकान बनाकर अपने पट्टे की जमीन पर रह रहे लोगों को कब्जा खाली करने का फरमान सुना दिया है.
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पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि ऐसे में वे बेघर हो जाएंगे. इसके अलावा उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट है. उन्होंने इस पूरे मामले में जांच करने की मांग की है और कहा है कि जिन पटवारी और तहसीलदारों के अलावा उप पंजीयक के कार्यकाल में फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री हुई है उसकी पूरी जांच कराई जाए. इसके बाद जमीन वास्तविक जमीन मालिकों के नाम पर की जाए. इसमें दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया जाए. वहीं, वास्तविक जमीन मालिकों को कोल माइंस कंपनी के माध्यम से मुआवजा दिया जाए.