Raigarh: रायगढ़ में अब नहीं बची सरकारी जमीन! कैसे पूरा होगा वित्त मंत्री ओपी चौधरी का सपना?
Raigarh News: ये हैरान करने वाली बात हो सकती है कि कैसे किसी जिले में सरकारी भवन बनाने के लिए जमीन नहीं है? लेकिन ये जिला प्रशासन के आंकड़े के अनुसार सही है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में अब सरकारी भवन बनाने के लिए जमीन नहीं है. जिला प्रशासन जमीन के एक-एक टुकड़े के लिए तरस रहा है. आखिर क्यों छत्तीसगढ़ के बड़े जिलों में आने वाले रायगढ़ में सरकारी जमीन नहीं होने की चर्चा हो रही है.
क्या रायगढ़ में नहीं है सरकारी भवन बनाने के लिए जमीन?
दरअसल रायगढ़ जिला प्रशासन के आंकड़े कह रहे हैं, क्योंकि लगभग 4 साल पहले शुरू हुए शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय के लिए अब तक जमीन नहीं मिल पाई है. इसीलिए किराए के भवन में विश्वविद्यालय चल रहा है. सत्ता परिवर्तन के बाद अब रायगढ़ विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने नालंदा परिसर खोलने के लिए जिला प्रशासन को जमीन तलाशने के लिए कहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है. ऐसे कई सरकारी विभाग हैं जो समय के साथ बड़े दफ्तर की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनको जमीन नहीं मिल रही है. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि रायगढ़ में सरकारी जमीन नहीं बची है.
संभागीय कार्यालयों के लिए जमीन कहां है?
आपको बता दें कि चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायगढ़ को संभाग बनाने की घोषणा कर चुके हैं. रायगढ़ में अलग डीआईजी का पद दिया गया, ऐसे में अगर वर्तमान प्रदेश सरकार रायगढ़ को संभाग बनाती है, तो संभाग स्तर के अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर, कार्यालय और विभागों के लिए जगह नहीं है. इसलिए बड़े विभागों को शहर से बाहर कर दिया जाएगा.
सरकारी बिल्डिंग बनाने में क्यों आ रही है दिक्कत?
रायगढ़ जिला कलेक्टर कार्तिकेया गोयल बताते हैं कि नालंदा परिसर के लिए जमीन तलाश की जा रही है. लेकिन अभी तक नहीं मिला है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के लिए भी जमीन की तलाश जारी है. राजनीतिक दल के लोग बताते हैं कि पूर्व सरकार में नगरीय प्रशासन के द्वारा शासकीय जमीनों पर काबिज लोगों को 152 प्रतिशत की दर से राजस्व भरकर उनके नाम पर रजिस्ट्री की गई है, इसलिए अब शहर के भीतर नजूल की जमीन खाली नहीं है.