Naxal Surrender: ‘कुछ बड़ा होने से पहले लौट आएं…’ नक्सलियों को डिप्टी CM विजय शर्मा की ‘वॉर्निंग’

Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को वॉर्निंग दी है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के बीच मतभेद बहुत पहले से समझ आ रहा है. कुछ बड़ा होने से पहले लौट आएं.
vijay Sharma

डिप्टी CM विजय शर्मा

Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में ‘लाल आतंक’ दम तोड़ता जा रहा है. हाल ही में 1 करोड़ का नक्सली कमांडर हिडमा भी ढेर गया है. लगातार सुरक्षाबलों के जवानों को अभियान में सफलता मिल रही है. इसके अलावा बड़े-बड़े नक्सली लीडर अपने समर्थकों के साथ हथियार फेंक मुख्यधारा में लौट रहे हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को वॉर्निंग दी है. उन्होंने कहा कि पुनर्वास करने वालों को स्वागत करेंगे. कुछ बड़ा होने से पहले लौट आएं.

‘कुछ बड़ा होने से पहले लौट आएं…’

नक्सलियों को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- ‘कुछ बड़ा होने से पहले मुख्यधारा में लौट आएं. अब भी कह रहा हूं पुनर्वास करने वालों को स्वागत करेंगे. नक्सलियों के बीच मतभेद बहुत पहले से समझ आ रहा है. बस्तर के युवाओं को नक्सलियों में भर्ती किया गया. तेलंगाना में जब हताहत हुए तब संस्था और विचारक आए. उनसे क्या वार्ता, जिन्हें बस्तर से लेना-देना नहीं?’

मार्च 2026 तक नक्सलवाद का ‘THE END’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नक्सलवाद की डेडलाइन तय कर दी है. उन्होंने कहा है कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म किया जाएगा. 24 अगस्त 2024 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खिलाफ यह डेडलाइन तय की है, जिसके बाद न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में कई बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाए गए और बड़ी सफलता भी हासिल की गई. लगातार सुरक्षाबलों के जवान अलग-अलग अभियान चलाकर ‘लाल आतंक’ की कमर तोड़ रहे हैं.

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नक्सली कमांडर हिडमा ढेर

18 नवंबर 2025 को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षाबलों के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर हिडमा, उसकी पत्नी राजे और 4 अन्य सहयोगी ढेर हो गए.

नक्सलियों में दो फाड़

नक्सलियों की अलग-अलग कमेटियों के बार-बार ‘फाड़’ भी देखने को मिली है. कई नक्सली लीडर हथियार फेंक कर सरेंडर करने और सरकार से ‘शांतिवार्ता’ की अपील का पत्र जारी कर रहे हैं, जबकि कई लीडर इसे खारिज कर संगठन नहीं बल्कि व्यक्तिगत विचार कह रहे हैं.

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