MP News: पोंजी स्कीम मामले ने ED की एमपी के चार शहरों में कार्रवाई, कंपनी ने तीन राज्यों के निवेशकों को लगाया चूना

MP News: ईडी ने मनी लाड्रिंग एक्ट के तहत एनजीएचआई डेवलेपर मामला दर्ज किया था. कंपनी ने तीन राज्यों के निवेशकों को चूना लगाया था.
Enforcement Directorate (ED)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (फोटो- सोशल मीडिया)

भोपाल: जालंधर से आई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate)  टीम ने मध्यप्रदेश के चार जिलों में कार्रवाई करते हुए 64 प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया है. ईडी की ये कार्रवाई एनजीएचआई डेवलेपर के खिलाफ की गई. पॉन्जी स्कीम के तहत लोगों से निवेश कराया. कुछ समय तक रिटर्न भी किया लेकिन बाद में रकम लौटाने से इंकार कर दिया. ईडी ने मनी लाड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले की जांच करते हुई ईडी ने संपत्ति को जब्त किया है. कंपनी ने हजारों लोगों को निवेश करने के नाम पर चूना लगाया है. ईडी ने ग्वालियर, दतिया, भिंड और भोपाल में कार्रवाई करते हुए कंपनी की संपत्ति जब्त कर ली है. कंपनी ने तीन राज्यों के निवेशकों को चूना लगाया था. कंपनी ने निवेश कराने के बाद निवेशकों के पैसे गबन कर गए.

तीन राज्यों के निवेशकों को लगाया चूना

एनजीएचआई नाम की कंपनी ने तीन राज्यों के निवेशकों को चूना लगाया. ईडी ने अधिकारी ने बताया कि पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के निवेशकों की संख्या सबसे ज्यादा है. एनजीएचआई कंपनी के खिलाफ ईडी साल 2023 में भी कार्रवाई कर चुकी है.

जयपुर में 4 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

राजस्थान के जयपुर में 4 करोड़ से अधिक की 87 संपत्तियों को जब्त किया था. इस कंपनी के खिलाफ निवेशकों ने केस दर्ज करवाया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मनी लाड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी. कंपनी के कई लोगों को गिरफ्तार भी ईडी कर चुकी है लेकिन कोर्ट से जमानत पर बाहर आ चुके हैं.

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क्या है पोंजी स्कीम

पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) एक धोखाधड़ीपूर्ण निवेश घोटाला है, जिसमें निवेशकों को कम जोखिम के साथ रिटर्न की उच्च दरों का वादा किया जाता है. पोंजी स्कीम एक कपटपूर्ण निवेश घोटाला है जो बाद के निवेशकों से लिए गए धन से, पहले के निवेशकों के लिए रिटर्न जेनरेट करता है, यह एक पिरामिड स्कीम का प्रकार है, जिसमें पहले के निवेशकों के भुगतान के लिए नए निवेशकों के फंड के इस्तेमाल पर आधारित है, पोंजी स्कीम और पिरामिड स्कीम दोनों ही धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं जब नए निवेशकों की बाढ़ समाप्त हो जाती है और उनके पास उड़ाने को पैसे नहीं रह जाते, तब जाकर ऐसी स्कीमों का पर्दाफाश होता है.

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