ABVP राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज किशोर तिवारी का बड़ा बयान बोले- 2026 में होंगे मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव
रघुराज किशोर तिवारी
Vindhya Gaurav Samman 2025: मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. रघुराज किशोर तिवारी ने विस्तार न्यूज़ के मंच पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसी साल यानी 2026 में मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होने वाले हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एबीवीपी लंबे समय से छात्र संघ चुनाव की मांग करता आ रहा है और इसे लेकर लगातार सरकार से आग्रह किया गया है. रीवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद का मानना है कि सशक्त छात्र नेतृत्व का निर्माण कैंपस से होता है, इसी कारण छात्र संघ चुनाव आवश्यक हैं और होने भी चाहिए.
कैंपस की राजनीति से निकलते हैं मजबूत नेतृत्व
प्रो. तिवारी ने कहा कि देशभर में और विशेष रूप से विंध्य क्षेत्र में यह देखा गया है कि जो भी मजबूत और स्वाभाविक नेतृत्व उभरकर सामने आया है, वह छात्र संघ और कैंपस की राजनीति से ही निकला है. विद्यार्थी परिषद की यह मांग हमेशा से रही है और इस बार भी परिषद ने अपने प्रदेश अधिवेशन में छात्र संघ चुनाव को लेकर प्रस्ताव पारित किया है. उन्होंने बताया कि परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उच्च शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात कर छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग रखी है. परिषद का मत है कि यदि छात्र संघ चुनाव नहीं होते हैं तो नेतृत्व के विकास का प्रवाह बाधित होता है. परिषद अध्यक्ष ने यह भी दोहराया कि इस साल मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं.
अधिवेशन में पारित होते हैं प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन में हर साल प्रस्ताव पारित किए जाते हैं, जिनका अपना विशेष महत्व होता है. देश और समाज से जुड़े समसामयिक विषय युवाओं के सामने रखे जाते हैं, ताकि छात्र उनसे जुड़ सकें और अपना मत बना सकें. विद्यार्थी परिषद शिक्षा की गुणवत्ता, सस्ती और सुलभ शिक्षा जैसे विषयों पर हमेशा प्रस्ताव पारित करती रही है. वर्तमान परिस्थितियों में जो भी विषय समाज के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, उन पर परिषद प्रस्ताव पारित करती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है और मध्य प्रदेश इसे लागू करने वाला पहला राज्य रहा है. हालांकि, शिक्षकों और आधारभूत संरचना की कमी के कारण इसका प्रभाव अभी पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा है. यह समय एक ट्रांजिशन फेज है और आने वाले दो से चार वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे, जिसका लाभ युवाओं को मिलेगा.
2017 में हुए थे छात्र संघ चुनाव
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में आखिरी बार छात्र संघ चुनाव वर्ष 2017 में हुए थे. इसके बाद से सरकार ने अलग-अलग कारणों का हवाला दिया और चुनाव नहीं हो पाए. राज्य में पिछले 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जबकि बीच में 15 महीनों के लिए कांग्रेस की सरकार भी रही, लेकिन दोनों ही प्रमुख दलों के छात्र संगठन, एबीवीपी और एनएसयूआई, लंबे समय से डायरेक्ट इलेक्शन की मांग करते आ रहे हैं.
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