Ambikapur: PMO तक पहुंची निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत, सख्त आदेश के बाद बनी 9 सदस्यों की टीम, क्या है पूरा मामला?

Ambikapur: सरगुजा जिले में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मामला PMO तक पहुंच गया है. PMO की ओर से पूरे मामले में गंभीरता लेने के बाद 9 सदस्यों की टीम बनाई गई, लेकिन 1 महीना बीतने के बाद भी अब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है.
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अंबिकापुर में निजी स्कूलों की मनमानी

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रुक रही है. प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकायत का मामला PMO तक पहुंत गया है. पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 9 सदस्यों की टीम बनाई गई, लेकिन 1 महीने बीतने के बाद भी इसकी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

PMO तक पहुंची निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत

अंबिकापुर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकाय PMO तक पहुंची थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए PMO की तरफ से तुरंत जांच के आदेश दिए गए थे. इस आदेश के बाद DEO ने 9 सदस्यों की जांच टीम गठित की थी. SDM फागेश सिन्हा इस जांच कमेटी के अध्यक्ष थे.

एक महीने बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं

जांच टीम के गठन को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अब तक पूरे मामले में कोई भी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है. बता दें कि जांच टीम को 10 दिन में जांच करने के बाद रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया था.

क्या था मामला?

अंबिकापुर में प्राइवेट स्कूलों के द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण करते हुए कॉपी-किताब और अन्य सामग्री प्राइवेट पब्लिकेशन से खरीदने की शिकायत की गई थी. यह मामला PMO तक पहुंच गया था.

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गोदाम में रद्दी हो रही करोड़ों की किताबें

इसके अलावा अंबिकापुर में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें रद्दी होने की हकीकत भी विस्तार न्यूज की पड़ताल में सामने आई है. प्राइवेट स्कूलों ने पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों को बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं लिया और निजी सेक्टर के पब्लिशरों की किताब उनके द्वारा बच्चों को पढ़ाई जा रही है. इस वजह से किताबें डिपो में रखे-रखे खराब हो रही हैं.

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