Vertigo Disorder: यदि बार-बार आ रहे चक्कर तो इसे हल्के में न लें, इस खतरनाक बीमारी का हो सकता है खतरा
बार बार चक्क्र आने पर हो सकता है वर्टिगो बीमारी का खतरा
Vertigo Disorder: कभी-कभी चक्कर आ जाना आम बात हो सकती है और यह कमजोरी या ब्लड प्रेशर के ऊपर-नीचे होने की वजह से भी होता है. लेकिन यदि चक्कर बार-बार आने लगें, तो इसे हल्के में लेना सही नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह वर्टिगो नामक बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. वर्टिगो को एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर माना जाता है और उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा भी बढ़ता जाता है. खासकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह स्थिति गंभीर साबित हो सकती है.
चक्कर आने के कारण एक जैसे नहीं
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिकल विशेषज्ञों का कहना है कि वर्टिगो मूल रूप से संतुलन से जुड़ा विकार है. इस समस्या से जूझ रहे मरीज सही कारण जानने के लिए कई विशेषज्ञों के पास जाते हैं और महंगे एमआरआई या सीटी स्कैन कराते हैं, लेकिन कई बार इन जांचों से भी समस्या की जड़ सामने नहीं आ पाती. इसके पीछे वजह यह है कि चक्कर आने का कारण हमेशा एक जैसा नहीं होता.
कान के अंदर वेस्टिबुलर सिस्टम में हो सकती है गड़बड़ी
विशेषज्ञ बताते हैं कि करीब 27 प्रतिशत मामलों में चक्कर आने की वजह कान के अंदर मौजूद वेस्टिबुलर सिस्टम में गड़बड़ी होती है. हालांकि, कई बार असली कारण दिमाग से जुड़ी समस्याएं, माइग्रेन या गर्दन की नसों पर दबाव भी हो सकता है, जिससे शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है. केवल कान की समस्या मानकर इलाज करने से सही परिणाम नहीं मिल पाता.
वर्टिगो का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है
अगर वर्टिगो का समय पर और सही इलाज न किया जाए, तो इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. लंबे समय तक परेशानी बने रहने से डिप्रेशन और याददाश्त कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे मरीज की जीवन गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए चक्कर आने की समस्या को गंभीरता से लेना और विशेषज्ञ से उचित जांच व इलाज कराना बेहद जरूरी है.
सामन्य सिरदर्द और वर्टिगो में फर्क समझना जरूरी
सामान्य सिरदर्द और वर्टिगो के बीच फर्क समझना भी अहम है. आम सिरदर्द में सिर में दबाव, भारीपन या दर्द महसूस होता है, जो माथे, कनपटी या सिर के पीछे तक सीमित रहता है. वहीं वर्टिगो में व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे सिर या पूरा शरीर घूम रहा हो. चलने-फिरने में संतुलन बिगड़ने लगता है और चक्कर बढ़ते जाते हैं. कई मामलों में इसके साथ मतली, उल्टी, पसीना आना और कान में दर्द जैसी शिकायतें भी हो सकती हैं.
ये भी पढे़ं- सावधान! क्या आप भी दोबारा गर्म करके खाते हैं बचे हुए चावल? हो सकता है सेहत को नुकसान