Lok Sabha Election: दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल को BJP ने क्यों दिया फिर टिकट? जानिए पूरी वजह

Lok Sabha Election: विजय बघेल जातीय समीकरण के हिसाब से भाजपा के लिए दुर्ग सीट से बिल्कुल फिट बैठते हैं.
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विजय बघेल

Lok Sabha Election 2024: भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली प्रत्याशियों की सूची में छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. इस सूची में छत्तीसगढ़ से सिर्फ दो सांसदों को फिर से टिकट दिया गया है. इनमें दुर्ग से विजय बघेल और राजनांदगाव से संतोष पांडेय का नाम शामिल है. इन दोनों सांसदों पर भाजपा ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. दुर्ग से सांसद विजय बघेल को भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव में भी उतारा था लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. पाटन विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हराया था. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

विजय बघेल को क्यों मिली टिकट ?

विजय बघेल जातीय समीकरण के हिसाब से भाजपा के लिए दुर्ग सीट पर बिल्कुल फिट बैठते हैं. विजय बघेल ओबीसी वर्ग के बड़े और कद्दावर नेता हैं. प्रदेश की राजनीति में उनकी एक अलग पहचान है. पिछले साल हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने विजय बघेल को बड़ी जिम्मेदारी दी थी. भाजपा ने उन्हें घोषणा पत्र समिति का संयोजक भी बनाया था. गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के दौरान दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल ने जीत दर्ज की थी. दुर्ग लोकसभा वह क्षेत्र है जहां से खुद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आते हैं. वहीं भूपेश सरकार में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कई मंत्री भी रहे हैं. इनमें ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, गुरु रुद्र कुमार और मोहम्मद अकबर का नाम शामिल है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हरा चुके हैं चुनाव

2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय बघेल को पाटन सीट से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि विजय बघेल चुनाव हार गए थे. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें पाटन से चुनाव हराया था. वहीं बात करें 2019 लोकसभा चुनाव की तो इस चुनाव में छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक रिकॉर्ड वोटों से जीतने वाले सांसद रह चुके हैं विजय बघेल. कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में विजय बघेल हमेशा से आक्रामक रहे हैं. वह हमेशा से भूपेश बघेल पर तल्ख टिप्पणियां करने के लिए जाने जाते हैं. खास बात यह है कि विजय बघेल रिश्ते में भूपेश बघेल के भतीजे लगते हैं. विधानसभा चुनाव में काका बनाम भतीजा का नारा भी चला था जिसमें भूपेश बघेल की जीत हुई थी. हालांकि इससे पहले 2008 में एक बार विजय बघेल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विधानसभा चुनाव हरा भी चुके हैं.

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विजय बघेल का राजनीतिक सफर जानिए

बता दें कि विजय बघेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 2000 में की थी. विजय बघेल ने साल 2000 में भिलाई नगर परिषद का चुनाव बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीता. इसके बाद वह 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस में शामिल हो गए. 2003 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस ने उन्हें पाटन विधानसभा चुनाव से टिकट दिया,  लेकिन विजय बघेल को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. साल 2008 में पाटन सीट से भूपेश बघेल को हराकर पहली बार विजय बघेल विधायक चुने गए. हालांकि अगले विधानसभा चुनाव में यानी की 2013 में उन्हें भूपेश बघेल ने हरा दिया. वर्ष 2019 में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से विजय बघेल ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर को 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी.

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