Lok Sabha Election: अभिजीत गंगोपाध्याय से पहले भी कई जज कर चुके हैं पॉलिटिक्स में एंट्री, लिस्ट में दो चीफ जस्टिस भी शामिल

Lok Sabha Election: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर्ड होने के करीब चार महीने बाद राज्यसभा सदस्य बने.
Abhijit Gangopadhyay

पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय

Lok Sabha Election: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पार्टी को सदस्यता दिलाई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और अन्य नेता भी वहां उपस्थित रहे. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि बीजेपी में जिस तरह से उन्होंने मेरा स्वागत किया है वह अभिभूत करने वाला है. हर कोई जानता है कि भ्रष्टाचार से लड़ना है.

लेकिन पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के बीजेपी में शामिल होने से पहले भी कई जज ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपना पेशा छोड़कर पॉलिटिक्स ज्वाइन की है. इसमें सबसे पहला नाम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई का नाम सामने आता है. वह तीन अक्टूबर 2018 से 17 नवंबर 2019 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं. भारत के 46वें चीफ जस्टिस के पोस्ट से रिटायर्ड होने के करीब चार महीने बाद राज्यसभा सदस्य बने.

इन्हें बनाया गया राज्यपाल

इसके अलावा जस्टिस एस अब्दुल नजीर 17 फरवरी 2017 से 4 जनवरी 2023 तक उच्चतम न्यायालय के जज रहे थे. उन्हें रिटायर्ड होने के एक महीने के बाद राष्ट्रीय द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल मनोनित कर दिया गया था. उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया. जस्टिस अशोक भूषण को रिटायर्ड होने के पांच महीने बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष बनाया गया.

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जस्टिस पी. सदाशिवम भारत से 40वें चीफ जस्टिस थे. उन्हें रिटायर्ड होने के बाद 2014 में केरल का राज्यपाल बनाया गया. जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भारत के 21वें चीफ जस्टिस थे और वह नवंबर 1991 में रिटायर्ड हुए और दो साल बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया. जस्टिस फातिमा बीबी सुप्रीम कोर्ट की जज थीं. रिटायर्ड होने के बाद उन्हें 1997 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का सदस्य बनाया गया.

जस्टिस बहरुन इस्लाम सुप्रीम कोर्ट के जज रहे और 1983 में उन्हें कांग्रेस सरकार द्वारा राज्यसभा भेजा गया. जस्टिस मुहम्मद हिदायतुल्लाह भारत के चीफ जस्टिस रहे और बाद में वह भारत के छठे राष्ट्रपति बने. जस्टिस के. एस. हेगड़े सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं. 1977 में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

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