Dwarka Expressway: देश का पहला 8 लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, 9 हजार करोड़ की लागत, जानें क्या है इसकी खासियत

Dwarka Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, (11 मार्च) को गुरुग्राम में बहुचर्चित द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. कुल 29.5 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे का 19.5 किलोमीटर का हिस्सा गुरुग्राम से होकर जाता है.
Dwarka Expressway

द्वारका एक्सप्रेसवे

Dwarka Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, (11 मार्च) को गुरुग्राम में बहुचर्चित द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देशभर में एक लाख करोड़ रुपये की लागत के 112 अन्य नेशनल हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. करीब नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से बने द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर और आसपास के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है. कुल 29.5 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे का 19.5 किलोमीटर का हिस्सा गुरुग्राम से होकर जाता है.

लोगों की सहूलियत के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे को चार हिस्सों में बांटा गया है. एक्सप्रेसवे का पहला हिस्सा महिपालपुर के पास शिव मूर्ति से द्वारका तक जोड़ता है. इसका दूसरा हिस्सा द्वारका अर्बन एक्सटेंशन रोड से बजघेरा को जोड़ता है. वहीं तीसरा हिस्सा बजघेरा से बसई रेल ओवरब्रिज (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) है. जबकि चौथा हिस्सा बसई आरओबी से खेड़की दौला तक है.

देश का पहला 8 लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे

लगभग 9000 करोड़ रुपये की खर्च से बना द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला 8 लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है. जिसमें 9 किलोमीटर लंबाई में सिंगल पिलर पर आठ लेन का 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड भी है. जो कि देश में अपनी तरह का पहला एलिवेटेड रोड है. हरियाणा में यह एक्सप्रेसवे पटौदी रोड (SH-26) में हरसरू के समीप और फर्रुखनगर (SH-15 ए) में बसई के पास मिलेगा.

दिल्ली-जयपुर हाईवे का लोड होगा कम

द्वारका एक्सप्रेसवे चालू होने से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा. अभी वाहनों के दबाव के कारण सरहौल बॉर्डर समेत खेड़की दौला तक कई जगहों पर लोगों को रोजाना जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. द्वारका एक्सप्रेसवे चालू होने से हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है.  इसमें चार बहु-स्तरीय इंटरचेंज होंगे, जिनमें सुरंग या अंडरपास, एक जमीनी स्तर का सड़क भाग, एक ऊंचा फ्लाईओवर और प्रारंभिक फ्लाईओवर के ऊपर एक फ्लाईओवर शामिल होगा.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एनएच 48 पर रोजाना 3 लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं. एक्सप्रेसवे निर्माण का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना, सड़क जाम के कारण होने वाले नुकसान को कम करना और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वाहन प्रदूषण को कम करना है. द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था, शुरुआत में इसे 2021 तक पूरा करने की योजना थी. हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण परियोजना की समय सीमा बढ़ा दी गई थी. नेशनल हाईवे अथॉरिटी इंडिया (एनएचएआई) ने घोषणा की है कि पूरे प्रोजेक्ट पर काम इस साल अगस्त तक पूरा हो जाएगा.

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