देश में लागू हुआ CAA, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता

CAA Update: केंद्र सरकार ने सोमवार को CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के जारी होते ही नागरिकता संशोधन कानून के नियम देश में लागू हो गए.
CAA Update

लागू हुआ CAA

CAA Update: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है.  केंद्र सरकार ने सोमवार, 11 मार्च को CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के जारी होते ही नागरिकता संशोधन कानून के नियम देश में लागू हो गए. इसके तहत मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

ये भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट में CM Arvind Kejriwal देंगे माफीनामा, यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो से जुड़ा है मामला

बता दें कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने के कयास लगाए जा रहे थे. सोमवार को गृह मंत्रालय ने सीएए नियमों को अधिसूचित कर दिया है. सीएए नियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भारत में आने वाले अल्पसंख्यकों की भारतीय नागरिकता आवेदनों को सुनिश्चित करेंगे. इसमें 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. उन लोगों को कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता भी नहीं होगी.

2019 में संसद से हुआ था पारित

नागरिकता संशोधन कानून को संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था. राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी भी मिल गई थी. मोदी सरकार ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया था. वहीं, विपक्षी दलों ने कानून को मुस्लिमों को प्रताड़ित करने का कानून बताया था. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया था कि CAA का इरादा मुसलमानों को बेघर करना है.

कांग्रेस का केंद्र पर हमला

CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर लिखा, “दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है. नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है. ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में. यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है.”

 

 

ज़रूर पढ़ें