CAA Implemented: कांग्रेस ने CAA की टाइमिंग पर उठाए सवाल, पूछा- 10 साल के कार्यकाल में क्यों नहीं आया कानून

CAA Implemented: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बीजेपी सरकार 2024 में वोटों का धुव्रीकरण करने के लिए लाई है.
Uttarakhand Congress, CAA Implemented

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा

CAA Implemented: केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 11 मार्च, 2024 को नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को देश में लागू कर दिया है. इसे लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया गया है. ऐसे में CAA की अधिसूचना जारी होने पर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर है. जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बता रहे हैं. वहीं उत्तराखंड से भी नेताओं की CAA पर तीखी बयानबाजी सामने आ रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बीजेपी सरकार 2024 में वोटों का धुव्रीकरण करने के लिए लाई है.

लोकसभा चुनाव से पहले क्यों आया कानून?

उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, ’10 साल सत्ता में रहने के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून क्यों नहीं लाया गया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नागरिकता संशोधन कानून लाने के पीछे वोटों का धुव्रीकरण करना है. करन माहरा ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा इस कानून के जरिए कुछ लोगों को डराने की है. 2024 में केंद्र सरकार CAA कानून के जरिए चुनावी लाभ लेने की नीयत से लाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ इतना है कि चुनाव से पहले क्यों इसे लाया गया है. 10 साल के कार्यकाल में नागरिकता संशोधन कानून क्यों नहीं लाया गया.

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मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने फैसले का किया स्वागत

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार डरा के चुनाव जीतना चाहती है. इसलिए नागरिकता संशोधन कानून को लोकसभा चुनाव से पहले BJP सरकार लेकर आई है. बता दें कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत किया है. वहीं राज्य के मुस्लिम उलेमाओं ने CAA का विरोध किया है. उलेमाओं का कहना है कि मुसलमानों के साथ कानून भेदभाव करता है. नागरिकता संशोधन कानून अधिनियिम की धारा से मुस्लिमों को बाहर रखना BJP सरकार की भेदभाव की राजनीति को दर्शाता है. बता दें कि देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिकता मिलने में आसानी हो गयी है.

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