Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण में देशभर से आया सामान, जानिए दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर से क्या-क्या आया?

Ram Mandir: रामलला की तैयार की गई मूर्ति में काले पत्थर का उपयोग हुआ है जो कर्नाटक से आया है.
Ram Mandir Photo

राम मंदिर (फोटो- सोशल मीडिया)

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह शुरू हो गया है, थोड़ी देर में रामलला की विधि विधान के साथ पूचा शुरू हो जाएगी. इससे पहले पूरे देश में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है. इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए करीब सात हजार मेहमान अयोध्या पहुंचे हैं. वहीं राम मंदिर को भव्यता से सजाया गया है. खास बात ये है कि राम मंदिर की सजावट और निर्माण में हर राज्य को योगदान हुआ है.

मंदिर के निर्माण में राजस्थान के नागौर के मकराना का उपयोग किया गया है. इस मकराना के मार्बल से रामलला का सिंहासन बनाया गया है, इसी सिंहासन पर भगवान रामलला विराजमान होंगे. इस सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई गई है. वहीं मंदिर में देवी देवताओं की नक्काशी की गई है. ये नक्काशी कर्नाटक के चर्मोथी बलुआ पत्थर से किया गया है. प्रवेश द्वार पर राजस्थान से गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल किया गया है.

पूर्वोत्तर से आई दरवाजे की लकड़ी

ये गुलाबी पत्थर को राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाया गया है. जबकि 2100 KG की अस्तधातु की घंटी गुजरात से आई है. गुजरात के ही अखिल भारतीय दरबार समाज ने रथ उपहार के तौर पर दिया है जो 700 किलोग्राम का है. वहीं रामलला की तैयार की गई मूर्ति में काले पत्थर का उपयोग हुआ है जो कर्नाटक से आया है. पूर्वोत्तर से आए नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हाथों से बनी हुई फैब्रिक्स का इस्तेमाल मंदिर में हुआ है.

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ये दरवाजे और फैब्रिक्स अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा से आई है. मंदिर में उपयोग में लाए जा रहे पीतल के बर्तन गृह राज्य उत्तर प्रदेश के ही हैं. मंदिर में सागौन पॉलिश की हुई लकड़ी का उपयोग किया गया है जो महाराष्ट्र से मंगाई गई है. मंदिर निर्माण में पांच लाख गांवों से मंगाई गई ईंटों का उपयोग किया गया है. इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए कारीगर मंदिर के निर्माण कार्य में लगे हुए हैं.

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