Chhattisgarh: रायपुर पहुंचे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- छत्तीसगढ़ में अब नहीं होगा धर्म परिवर्तन
Chhattisgarh News: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का पावन कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसी कड़ी में रायपुर पहुंचे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि प्रभु श्रीराम कल विराजमान हुए कल भारत का सूर्योदय हुआ, सूर्यवंशी प्रभु श्रीराम मंदिर में विराजमान हुए, एक नई ऊर्जा है भारत में एक नई संचार हुआ.
उन्होंने कहा कि अखंडता की ओर भारत के लोग आगे बढ़ रहे हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अब द्वापर युग की तैयारी है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- अब छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन नहीं होगा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि साल बदला है, छत्तीसगढ़ का हाल बदला है. बहुत जल्द राजिम में बड़ा महाकुंभ का आयोजन होगा. छत्तीसगढ़ प्रभु श्रीराम का ननिहाल है, यहां हमारे मामा रहते हैं, चप्पे-चप्पे पर राम नहीं है. राम कण-कण में हो गए हैं.अब छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन नही होगा. अब राम आ गए हैं.
बता दें कि रायपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आज से कोटा रोड गुढ़ियारी स्थित विवेकानंद विद्यापीठ के सामने बाबा का दिव्य दरबार लगेगा. इस कार्यक्रम के पहले शाम यानि सोमवार को 11 लाख 11 हजार 11 सौ दीप जलाकर प्रभुराम का कार्यक्रम स्थल पर स्वागत किया गया. इसमें भाग लेने के लिए रायपुर के चारों ओर से लोग आये. सभी ने भगवान राम के स्वागत में दीए जलाए. इस दीपोत्सव को रिकॉर्ड में भी शामिल कराने की तैयारी चल रही है.
रायपुर में आज से 5 दिन तक चलेगा हनुमंत कथा
23 से 27 जनवरी के दौरान आयोजित होने वाली इस हनुमंत कथा में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ने की संभावना है. कथा की शुरुवात दोपहर 3 बजे होगी. वही शाम 6 बजे तक कथा समाप्त होगी. इसके साथ आज की कथा में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी कथा सुनने जाने वाले हैं. साथ ही श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए दोपहिया और चारपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था निशुल्क रखी गई है. इसके साथ ही लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त की जा रही है. आयोजक समिति की तरफ से ये भी कहा गया है कि कथा के अंतिम दिन अर्थात 27 जनवरी निर्धन कन्याओं के विवाह महोत्सव का आयोजन रखा गया है. इस आयोजन में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की उपस्थिति में निर्धन कन्याओं का विवाह हिंदू रीति-रिवाज और वैदिक परंपरा के अनुसार सम्पन्न किया जाएगा.